तैत्तिरीयोपनिषद ब्रह्मानन्दवल्ली
ब्रह्मानन्दवल्ली में नौ अनुवाक हैं।
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- ब्रह्मानन्दवल्ली में बताया गया है कि ईश्वर हृदय में विराजमान है।
- यहाँ शरीर में स्थित पांच- 'अन्नमय,' 'प्राणमय,' 'मनोमय,' 'विज्ञानमय' और 'आनन्दमय' कोशों का महत्त्व दर्शाया गया है।
- आनन्द की मीमांसा लौकिक आनन्द से लेकर ब्रह्मानन्द तक की गयी है।
- यह भी बताया गया है कि सच्चिदानन्द-स्वरूप परब्रह्म का सान्निध्य कौन साधक प्राप्त कर सकते हैं।
- जो इस प्रकार है:-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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