पांवन जस माधो तोरा -रैदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
स्नेहा (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:49, 28 सितम्बर 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
पांवन जस माधो तोरा -रैदास
रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

पांवन जस माधो तोरा।
तुम्ह दारन अध मोचन मोरा।। टेक।।
कीरति तेरी पाप बिनासै, लोक बेद यूँ गावै।
जो हम पाप करत नहीं भूधर, तौ तू कहा नसावै।।1।।
जब लग अंग पंक नहीं परसै, तौ जल कहा पखालै।
मन मलन बिषिया रंस लंपट, तौ हरि नांउ संभालै।।2।।
जौ हम बिमल हिरदै चित अंतरि, दोस कवन परि धरि हौ।
कहै रैदास प्रभु तुम्ह दयाल हौ, अबंध मुकति कब करि हौ।।3।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख