रामगिरि शक्तिपीठ

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रामगिरि शक्तिपीठ
शारदा देवी मंदिर, मैहर, मध्य प्रदेश
वर्णन 'रामगिरि शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है।
स्थान कुछ लोग 'मैहर' मध्य प्रदेश के शारदा देवी मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं, तो कुछ चित्रकूट के शारदा मंदिर को मानते हैं।
देवी-देवता सती 'शिवानी' तथा शिव 'चण्ड'।
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पौराणिक मान्यता मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती के 'दाएँ स्तन' गिरा था।
अन्य जानकारी गुजरात के ब्राह्मण वर्ग के लोग विवाह के बाद वर-वधू को यहाँ देवी का चरणस्पर्श कराने के लिए लेकर आते हैं।

रामगिरि शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

  • रामगिरि शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर मतांतर है। कुछ मैहर (मध्य प्रदेश) के शारदा देवी मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं, तो कुछ चित्रकूट के शारदा मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं। ये दोनों ही स्थान तीर्थ माने गए हैं।
  • रामगिरि पर्वत चित्रकूट में है।
  • यहाँ देवी के "दाएँ स्तन" का निपात हुआ था।
  • इस शक्तिपीठ की सति 'शिवानी' तथा शिव 'चण्ड' हैं।
  • चित्रकूट हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर रेलवे लाइन पर स्थित है। स्टेशन का नाम 'चित्रकूटधाम कर्वी' है।
  • यह लखनऊ से 285 कि.मी., हजरत निजामुद्दीन से 670 कि.मी. दूर है।
  • मानिकपुर स्टेशन से 30 कि.मी. पहले चित्रकूटधाम कर्वी है।
  • पर्यटन की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण तथा बरसात में दर्शनीय चित्रकूट प्रख्यात तीर्थ है।


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