रुक्मिणी (उपग्रह)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:30, 5 जुलाई 2017 का अवतरण (''''रुक्मिणी''' अथवा '''जीसैट-7''' (अंग्रेज़ी: ''Rukmini'' OR ''GSAT-7'') ए...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

रुक्मिणी अथवा जीसैट-7 (अंग्रेज़ी: Rukmini OR GSAT-7) एक सैनिक उपग्रह है। 2,625 किलोग्राम वजन का यह उपग्रह (सैटेलाइट) हिंद महासागर क्षेत्र में नज़र रखने में भारतीय नौसेना की मदद करता है। यह एक मल्‍टी-बैंड कम्‍युनिकेशन-कम सर्विलान्‍स सेटेलाइट है।

लॉन्च

भारत के सिक्किम से लगी सीमा चीन के साथ जारी तनातनी के बीच जहां हिंद महासागर में चीन अपनी नौसेना की मौजूदगी बढ़ाता जा रहा है। भारत को चीनी नौसेना की हर कदम की जानकारी जीसैट-7 उपग्रह के जरिए मिली। इस उपग्रह का नाम रुक्मिणी है। यह आसमान से 'ड्रैगन' यानि चीन पर नजर रख रही है। यह नौसेना द्वारा खुद को समर्पित सैन्य सैटेलाइट है, जिसे 29 सितंबर 2013 को लॉन्च किया गया था।

विशेषता

यह भारत का पहला मिलिट्री सैटेलाइट है। 2,625 किलोग्राम वजन का यह सैटेलाइट हिंद महासागर क्षेत्र में नजर रखने में नौसेना की मदद कर रहा है। यह एक मल्‍टी-बैंड कम्‍युनिकेशन-कम सर्विलान्‍स सेटेलाइट है, जिसका 36,000 किमी की ऊंचाई से संचालन हो रहा है। यह नौसेना को युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को रियल-टाइम जानकारी मुहैया कराता है। इसे खासतौर पर चीन की हिंद महासागर में बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैयार किया गया था और भेजा गया था।

समुद्र तट किनारे स्थित संचालन केंद्रों की मदद से यह सेटेलाइट ना केवल नौसेना की अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर नजर रखने में मदद कर रहा है बल्कि फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक उनकी संचार और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि करने में भी कारगर साबित हो रहा है, यह हिंद महासागर क्षेत्र के लगभग 70 फीसदी हिस्‍से के बराबर है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख