एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

विमलदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:41, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आचार्य विमलदास

  • इनकी 'सप्तभंगीतरंगिणी' नाम की तर्क कृति है, जिसमें सप्तभंगों का अच्छा विवेचन किया गया है।
  • यह दर्शन और न्याय दोनों की प्रतिपादिका है।
  • इनका समय वि. की 18वीं शती है।

संबंधित लेख