विराट शक्तिपीठ

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विराट शक्तिपीठ
विराट शक्तिपीठ
वर्णन राजस्थान स्थित 'विराट शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है।
स्थान विराट ग्राम, जयपुर, राजस्थान
देवी-देवता सती 'अंबिका' तथा शिव 'अमृत'।
संबंधित लेख शक्तिपीठ, सती
पौराणिक मान्यता मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती के 'दायें पाँव की उँगलियाँ' गिरी थीं।

विराट शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

  • राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर से उत्तर में महाभारतकालीन विराट नगर के प्राचीन ध्वंसावशेष के निकट एक गुफ़ा है, जिसे 'भीम की गुफ़ा' कहते हैं।
  • यहीं के विराट ग्राम में यह शक्तिपीठ स्थित है।
  • मान्यता है कि इस स्थान पर सती के दायें पाँव की उँगलियाँ गिरी थीं।
  • यहाँ की सती 'अंबिका' तथा शिव 'अमृत' हैं।
  • जयपुर तथा अलवर दोनों स्थानों से विराट ग्राम तक आवागमन के लिए मार्ग हैं, जहाँ टैक्सी से जाना सुविधाजनक है।


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