शांगपाणि मन्दिर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
दिनेश (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:59, 4 अक्टूबर 2016 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

शांगपाणि मन्दिर कुम्भकोणम, तमिलनाडु (दक्षिण भारत) के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह एक विशाल और भव्य मन्दिर है, जिसमें स्वर्ण से मण्डित गरुड़ स्तम्भ है। यह स्तम्भ देखने में बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। मन्दिर के घेरे में अनेक छोटे-छोटे मन्दिर तथा मण्डप स्थापित हैं।

कथा

शांगपाणि मन्दिर से संबंधित एक कथा प्रचलित है- "भृगु ऋषि द्वारा भगवान विष्णु की छाती पर लात मारने और क्षमा न माँगने पर भी जब भगवान ने भृगु को कोई दण्ड नहीं दिया, तब लक्ष्मी भगवान नारायण से रूठ गयीं। उन्होंने हेम नामक ऋषि के घर में कन्या रूप में जन्म लिया। इस पर भगवान विष्णु लक्ष्मी का वियोग सह नहीं सके और वह भी यहाँ पर अवतरित हुए तथा ऋषि कन्या यानी की लक्ष्मी जी से विवाह किया। तब से शांगपाणि और लक्ष्मीजी यहाँ स्थित हैं।

शांगपाणि मन्दिर में भगवान शांगपाणि की मनोहर मूर्ति स्थापित है। मन्दिर की सुंदर आकृति इस बात का प्रमाण है कि भगवान शांगपाणि यहीं से रथ में बैठकर बैकुण्ठ पधारे थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख