एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

आखिया खारस

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आखिया खारस अथवा 'अहिकार' अस्सीरिया के राजा सिनाख़िरीब को परामर्श देने वाला एक प्राचीन मनीषी था। इसकी जीवन कथा तथा सूक्तियाँ सीरिया, अरब, इथियोपिया, आर्मेनिया, रूमानिया और तुर्की की प्राचीन भाषाओं में उपलब्ध हैं।

  • आखिया खारस ने अपने भतीजे नादान को दत्तक पुत्र के रूप में रख लिया था, पर नादान ने इसका विनाश करने का प्रयत्न किया, किंतु वह भूमिगृह में छिपकर किसी प्रकार बच गया। वह प्रकट हुआ तब जब राजा को उसके परामर्श की आवश्यकता पड़ी। अत: उसने अपने प्रभाव को पुन: प्राप्त कर लिया। उसने अधर में प्रासाद का निर्माण करके तथा बालू की रस्सी बटकर मिस्र के सम्राट् को संतुष्ट किया।[1] इसके पश्चात्‌ उसने नादान को समुचित दंड दिया और उसकी लगातार भर्त्सना की। आखिया खारस की कथा ई.पू. 5वीं शताब्दी से भी अधिक पुरानी है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 347 |
  2. सं.ग्रं.-कोनीबियर इत्यादि : स्टोरी ऑव अहिकर।

संबंधित लेख