केसरिया करना

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केसरिया करना राजस्थान के राजपूत समाज में प्रचलित एक प्रथा थी।

  • राजपूत योद्धाओं द्वारा पराजय की स्थिति में पलायन करने या शत्रु के समक्ष आत्म-समर्पण करने की बजाय केसरिया वस्त्र धारण कर दुर्ग के द्वार पर भूखे शेर की भांति शत्रु पर टूट पड़ना व उन्हें मौत के घाट उतारते हुए स्वयं भी वीरगति को प्राप्त हो जाना केसरिया करना कहा जाता था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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