गंगा जमुना (1961 फ़िल्म)
गंगा जमुना (1961 फ़िल्म)
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निर्देशक | नितिन बोस |
निर्माता | दिलीप कुमार |
लेखक | दिलीप कुमार |
संवाद | वजाहत मिर्ज़ा |
कलाकार | दिलीप कुमार, वैजयंती माला, नासिर ख़ान, अज़रा, लीला चिटनिस |
संगीत | नौशाद |
प्रसिद्ध गीत | इस फ़िल्म का प्रसिद्ध गीत "इंसाफ की डगर पे, बच्चो दिखाओ चलके" एक ऐसा गीत था, जिसने नई पीढ़ी को उसके दायित्वों का अहसास कराया था। |
प्रदर्शन तिथि | 1 जनवरी, 1961 |
अवधि | 178 मिनट |
भाषा | हिन्दी, भोजपुरी |
संबंधित लेख | नितिन बोस, दिलीप कुमार, वैजयंती माला |
देश | भारत |
स्टूडियो | 'महबूब स्टूडियो फ़िल्मीस्तान' |
अन्य जानकारी | भारतीय सिनेमा की कालजयी फ़िल्मों की सूची में 'गंगा जमुना' को रखा जाता है। फ़िल्म 'गंगा जमुना' न सिर्फ़ भारतीय समाज का महाकाव्यीय चित्रण करती है, बल्कि समाज के भौतिकवादी विचारबोध को भी सुसंगत क्रम देती है। |
गंगा जमुना भारतीय सिनेमा की सबसे सफलतम फ़िल्मों में गिनी जाती है। वर्ष 1961 में प्रदर्शित इस फ़िल्म की सफलता ने अभिनेता दिलीप कुमार और अभिनेत्री वैजयंती माला को कामयाबी की ऊँचाईयों पर पहुँचा दिया था। 'गंगा जमुना' को हिन्दी सिनेमा की सबसे बड़ी फ़िल्मों में से एक माना जाता है। अपने समय के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक नितिन बोस की फ़िल्म 'गंगा जमुना' का प्रसिद्ध गीत "इंसाफ की डगर पे, बच्चो दिखाओ चलके" एक ऐसा गीत था, जिसने नई पीढ़ी को उसके दायित्वों का अहसास कराया था।
कालजयी फ़िल्म
भारतीय सिनेमा की कालजयी फ़िल्मों की सूची जब भी बनायी जायेगी, उसमें 'गंगा जमुना' को ज़रूर रखा जाएगा। फ़िल्म 'गंगा जमुना' न सिर्फ़ भारतीय समाज का महाकाव्यीय चित्रण करती है, बल्कि समाज के भौतिकवादी विचारबोध को भी सुसंगत क्रम देती है। 'गंगा-जमुना' का ही शहरी रीमेक बाद में फ़िल्म 'दीवार' के रूप में सामने आया था। क्योंकि वक्त बदलने से जीवन शैली का ढंग भले बदल गया हो, उपभोग में आने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता और उपभोग का ढंग भले नफासत से परिपूर्ण हो गया हो, मगर नतीजा वही रहता है। इसीलिए दौर कोई भी हो 'गंगा-जमुना' भव्य ही लगती है और आकर्षक भी। दिलीप कुमार और वैजयंती माला ने इस फ़िल्म में अद्भुत अभिनय किया है।
मुख्य कलाकार
- दिलीप कुमार - गंगाराम (गंगा)
- वैजयंती माला - धन्नो
- नासिर ख़ान - जुमना
- अज़रा - कमला
- लीला चिटनिस - गोविन्दी
- कन्हैयालाल - कल्लू
- अनवर हुसैन - हरिराम
- नासिर हुसैन - पुलिस सुपरिन्टेंडेंट
गीत
- दगाबाज़ तोरी बतियाँ - लता मंगेशकर
- ढूँढो-ढूँढो रे साजना - लता मंगेशकर
- दो हंसो का जोड़ा - लता मंगेशकर
- झनन घूँघर बाजे - लता मंगेशकर
- नैन लड़ जइयें - मोहम्मद रफ़ी
- ओ छलिया रे छलिया - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
- तोरा मन बड़ा पापी - आशा भोंसले
- इंसाफ़ की डगर पे - हेमंत कुमार
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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