धरती मेरा घर -रांगेय राघव
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
धरती मेरा घर -रांगेय राघव
| |
लेखक | रांगेय राघव |
प्रकाशक | राजपाल प्रकाशन |
ISBN | 9788170288436 |
देश | भारत |
पृष्ठ: | 112 |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | उपन्यास |
धरती मेरा घर हिन्दी के विशिष्ट और बहुमुखी प्रतिभा वाले प्रसिद्ध उपन्यासकार और साहित्यकार रांगेय राघव द्वारा रचित उपन्यास है। 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा इस उपन्यास का प्रकाशन हुआ था।
- 'धरती मेरा घर' नामक उपन्यास स्वयं को महाराणा प्रताप का वंशज मानने वाले गाड़िये-लुहारों के जीवन-चरित पर आधारित है।[1]
- आज के प्रगतिशील युग में भी गाड़िये-लुहार आधुनिकता से कोसों दूर अपने ही सिद्धान्तों, आदर्शों और जीवन मूल्यों पर चलते हैं।
- कभी घर बनाकर न रहने वाले, खानाबदोशों की तरह जीवन यापन करने वाले और समाज से अलग रहने वाले इन गाड़िये-लुहारों के जीवन के अनछुए और अनदेखे पहलुओं का जैसा सजीव वर्णन इस उपन्यास में हुआ है, वह रांगेय राघव जैसा मानव मनोभावों को समझने वाला एक विरला लेखक ही कर सकता है।
- प्रतिभा के धनी रांगेय राघव का यह उपन्यास राजस्थान के जनजीवन की कलात्मक झलक प्रस्तुत करता है।
- राजस्थान की पृष्ठभूमि को आधार बनाकर लेखक के संवेदनशील मस्तिष्क ने अनेक कलात्मक कथानकों का सृजन किया है।
- कथानकों की नवीनता और रोचकता रांगेय राघव का विशेष गुण है और यही कारण है कि पाठक उनकी रचनाओं को बड़े आग्रह से पढ़ते हैं।
- 'धरती मेरा घर' उपन्यास की कथा पाठक का मनोरंजन करने के साथ-साथ उसके अंतःकरण को भी झकझोरती है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 धरती मेरा घर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2013।