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गुजरात मंदिरों के लिए अनंत काल से प्रसिद्ध है। गुजरात में स्थित देवी-देवताओं के यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते रहे हैं। गुजरात में हरे-भरे, घने जंगल हैं, इन जंगलों में बाघ और फ्लेमिंगो पाए जाते हैं। यह मन्दिर सफ़ेद और शुद्ध संगमरमर से बने हुए हैं और ये प्राचीन समय की भव्‍यता को दर्शाते हैं। गुजरात में बनाए गए जल उद्यान मनोरंजन का साधन है। गुजरात में जनजातीय जीवन एक संगीत, नृत्‍यमय उत्‍सव है और यहाँ रंग बिरंगी परम्‍पराएँ हैं।

गुजरात के तट

अहमदपुर मांडवी तट

  • अहमदपुर मांडवी तट गुजरात राज्‍य की तटीय रेखा पर स्थित है।
  • यह तट भारत के सबसे सुंदर तटों में से एक है।
  • अहमदपुर मांडवी तट की नर्म रेत, धवल जल, चहचहाती चिडियाँ मनमोहक मछली पकड़ने के छोटे-छोटे झोंपड़े अनोखी विशेषताओं में शामिल हैं।
  • इस तट का समुद्र का पानी सफ़ेद है और तैराकी के लिए उपयुक्‍त है।
  • इस स्थान पर अनेक प्रकार की जल क्रीड़ाएँ की जाती हैं जैसे वॉटर स्‍कूटर, स्‍काइंग, सर्फिंग, पैरा‍सेलिंग और तेजी से चलने वाली नावें।

चोरवाड़ तट

  • चोरवाड़ तट जूनागढ़ से 66 किलोमीटर की दूरी पर और वेरावाल के मछली पकड़ने के केन्‍द्र से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • चोरवाड़ तट घूमने, मनोरंजन और समय व्यतीत करने के लिए आदर्श स्‍थान है।
  • यह स्थान बाज़ार, भीड़भाड़ से दूर एकांत तट है।
  • यहाँ समुद्र हमेशा शांत नहीं रहता किन्‍तु एक अच्‍छा मौसम प्रतिवर्ष ढेर सारे पर्यटकों को आकर्षित करता है।

दिउ तट

  • दिउ तट जूनागढ़ से 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • गुजरात के सौराष्‍ट्र तट का दिउ द्वीप एक सुंदर तट है।
  • इस स्थान की नर्म रेत और पाम के वृक्ष तथा शानदार क़िले, गिरजाघर इसे सर्वाधिक सुंदर तटीय अवकाश गंतव्‍य बनाते हैं।
  • यह तट भीड़भाड़ से दूर है।
  • यह द्वीप अधिक आबादी वाला द्वीप नहीं है।
  • दिउ तट एक शांत वातावरण वाला आदर्श स्थान है।
  • इस जगह दैनिक जीवन की परेशानियाँ दिखाई नहीं देती हैं।

गोपनाथ तट

  • गोपनाथ तट एक ख़ूबसूरत तट है।
  • जो प्राकृतिक सुंदरता, चूने के पत्‍थर की चट्टानों, प्राकृतिक परिवेश और मनमोह लेने वाले पेड़-पौधों तथा जंतुओं को देखना चाहते हैं, उन लोगों के लिए यह बहुत अच्छा स्थान है।
  • इस तट पर आने का अनुभव शहरी जीवन की परेशानियों से आराम पाने का एक उत्‍कृष्‍ट तरीका है।
  • पक्षियों को देखने के शौकीन व्‍यक्ति पथरीले किनारों पर बैठ कर इसका आनंद ले सकते हैं।
  • इस जगह गोपनाथ महादेव का मंदिर भी है।

कच्‍छ मांडवी तट

  • मांडवी तट भुज से 73 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • यहाँ समुद्र के नीले पानी, पक्षियों के झुंड, रेतीली तट और रंग बिरंगे मछली पकड़ने के स्‍थान के साथ सप्‍ताहांत बिताने का एक अनोखा अनुभव होता है।
  • पर्यटक तट के पास डॉक का आनंद उठा सकते हैं जहाँ लकड़ी के जहाज़ बनाए गए हैं।

माधवपुर तट

  • माधवपुर तट गुजरात के सर्वाधिक सुंदर और रेतीले तटों में से एक है।
  • यहाँ नारियल के पेड़ से घिरे हुए सुंरद रेतीले तट है।
  • नारियल के पेड़ इस तट को चारों ओर से घेरते हुए ठण्‍डी समुद्री हवाओं के बीच एक ऐसा स्‍थान बना देते हैं जहाँ समुद्र आपके पैरों को छूता है।
  • यह तट शांत वातावरण से भरपूर एक आदर्श स्‍थान है।

पोरबंदर तट

पारेबंदर तट वेरावाल और द्वारिका के बीच स्थित है।

  • यह एक सुंदर तट है।
  • यह गुजरात का एक ऐसा तट है जिसमें ज़्यादा बदलाव नहीं किया गया।
  • इस तट की पृष्‍ठभूमि में प्रसिद्ध पोरबंदर कस्‍बा है जहाँ आप पवित्र, शांत और सुंदर तट पर टहलते हुए आराम पा सकते हैं।
  • इस तट पर फ्लेमिंगो कर सकते है।
  • यहाँ अन्‍य समुद्री पक्षी देखे जा सकते हैं।
  • पारेबंदर तट पर बैठकर अरब सागर का सुंदर नजारा देखा जा सकता है।

सोमनाथ तट

  • गुजरात में स्थित सोमनाथ तट पर पवित्र सुंदरता बिखरी हुई है।
  • इस स्थान पर चांदी के समान चमकती कोमल रेत और साफ़ पानी है।
  • यह तट प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के पीछे स्थित है।
  • इस जगह के तट अधिक छायादार नहीं है किन्‍तु यह एक अनोखा स्थान है।
  • सोमनाथ तट पर नारियल की दुकानें और अनेक प्रकार के व्‍यंजनों की दुकानें और ऊँट की सवारी का आनंद लिया जा सकता है, जो इस तट को और अधिक मनोरंजक बना देते हैं।

सपुतरा

इसका शब्दिक अर्थ है सांपों का घर। सपुतरा घनी पहाडियों की लकड़ी से बनी रिजॉर्ट वाला स्‍थान है जो सूरत शहर से 164 किलोमीटर की दूरी पर डांग ज़िले में स्थित है। यह गुजरात का एक मात्र पर्वतीय स्‍थल है। सपुतरा अच्‍छे रखरखाव वाला पर्वतीय स्‍थल है जहां पोर्टल, उद्यान, क्‍लब, रोपवे, सिनेमाहॉल में घुड़सवारी, ऊंट की सवारी, संग्रहालय और रोमांचक दृश्‍यों जैसी सभी अनिवार्य जरूरतों और मनोरंजन की गतिविधियों को पूरा किया जाता है। इसी लिए यहां अनेक पर्यटक आते हैं। यह सहयाद्रि पर्वत श्रृंखला के डांग वन क्षेत्र में स्थित पठार पर 875 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सपुतरा महल वर्दीपारा वन वन्‍यजीवन अभयारण्‍य और गिरजल प्रभार के रोमांचक दौरे पर जाने के लिए एक लोकप्रिय स्‍थान है।

वन्‍य जीवन अभयारण्‍य

वेलावडार / ब्‍लैक बक नेशनल पार्क

भाल क्षेत्र (34.52 वर्ग किलो मीटर), का यह छोटा सा हिस्‍सा जो जुलाई 1976 में ब्‍लैक बक नेशनल पार्क घोषित किया गया एक खुला घास का मैदान है। यह अभयारण्‍य प्राथमिक तौर पर ब्‍लैक बक के लिए बनाया गया है। इस घास के मैदान की सुंदरता ब्‍लैक बक और नील गायों के आने जाने से और भी अधिक बढ़ जाती है, जो लोग लंबी दूरियों से भी देख सकते हैं। यह ब्‍लैक बक घास के मैदानों में कूदते हुए देखा जा सकता है।

मनमोहक ब्‍लैक बक मनुष्‍यों से कम शरमाता है और यहां पर्यटकों को उन्‍हें प्राकृतिक अवस्‍था में हवा में दौड़ते, कूदते, खाते पीते देखा जा सकता है। ब्‍लैक बक के झुंड अलग अलग लिंग संयोजनों में पाए जाते हैं जैसे कि सभी नर और सभी मादाएं या मिले जुले झुंड। इनकी मिलन प्रक्रिया भी पुराने दिनों के समान स्‍वयंवर के समान होती है।

यहां घास के मैदान परवलिया और अलांग नामक दो नदियों के बीच स्थित हैं जो कैम्‍बे की खाड़ी में गिरती हैं। बारिश के मौसम के दौरान इस क्षेत्र में आम तौर पर बाढ़ आ जाती है। ब्‍लैक बक के झुण्‍ड अधिकांशत: अ‍भयारण्‍य के उत्तरी भाग में पाए जाते हैं, जबकि दक्षिणी भाग में कांटेदार वन पक्षियों को देखने के शौकीन व्‍यक्तियों को अच्‍छे अवसर प्रदान करते हैं (विशेष रूप से बर्ड्स ऑफ प्रे)। अलांग नदी पार्क की दक्षिणी सीमा बनाती है और यह भेडियों का मनपसंद स्‍थान है। इस उद्यान में वाहनों पर तथा पैदल भी जाया जा सकता है।

नालसरोवर पक्षी अभयारण्‍य

नालसरोवर पक्षी अभयारण्‍य लगभग 116 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। यह वास्‍तव में एक प्राकृतिक झील है, जो अहमदाबाद से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नाल सरोवर पक्षी अभयारण्‍य एक विहंगम प्राकृतिक झील है जहां उथला पानी और कीचड़ युक्‍त लैगून हैं और लगभग 360 छोटे छोटे द्वीप हैं। यहां हजारों प्रवासी पक्षी ठण्‍ड के मौसम में आकर ठहरते हैं। ये पक्षी मध्‍य एशिया, यूरोप और साइबेरिया से आते हैं जहां अत्‍यधिक ठण्‍ड होती है। इन प्रवासी पक्षियों के अलावा यहां अनेक स्‍थानीय और स्‍थानीय प्रवासी पक्षी भी डेरा डालते हैं। यह झील और आस पास का आर्द्र क्षेत्र अप्रैल 1969 में पक्षी अभयारण्‍य घोषित किया गया था।

प्रवासी पक्षी अक्‍तूबर में यहां आना शुरू करते हैं और अप्रैल तक यहां ठहरते हैं। इनकी आबादी ठण्‍ड के मौसम के बीच अधिकतम संख्‍या पर पहुंच जाती है। झील में 360 टापू हैं। इनमें से अधिकांश टापू पर पानी का स्‍तर नीचे है। इस झील को आस पास स्थित सुरेन्‍द्र नगर और अहमदाबाद जीलों से मानसून के दौरान मीठापानी मिलता है, इसलिए यहां की झील के पानी का खारापन काफ़ी कम हो जाता है। इस सुंदर स्‍थान पर आने वाली चिडियों की संख्‍या पक्षियों को देखने के इच्‍छुक लोगों को बांध कर रख देती है। जैसे जैसे आप इन टापुओं की ओर और पानी की घास की ओर जाते हैं, आपको हजारों पक्षियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देती है। फ्लेमिंगो के दोनों प्रकार अर्थात छोटे और बड़े नाल सरोवर में पाए जाते हैं। छोटे प्रकार के फ्लेमिंगो बारिश के मौसम में और बारिश के बाद यहां आते हैं जबकि बड़े फ्लेमिंगो मानसून के बाद यहां अधिक संख्‍या में दिखाई देते हैं, जब लवणता बढ़ जाती है।

सासन गिर नेशनल पार्क

यह सौराष्‍ट्र पेनिनसुला के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। गिर नेशनल पार्क में लगभग 300 एशियाई शेर हैं। यह उद्यान 1412.13 वर्ग किलो मीटर क्षेत्रफल का है और यहां सुंदर दृश्‍यावली के साथ मिले जुले पतझड़ी वनों से ढके पर्वत हैं। गिर नेशनल पार्क एक मात्र ऐसा स्‍थान है जहां प्रसिद्ध एशियाई शेर पाए जाते हैं। यह पार्क भारत में एक सर्वोत्तम वन्‍य जीवन अभयारण्‍य कहा जा सकता है। गिर नेशनल पार्क एक ऐसी जगह है जहां आप शेरों को उनके प्राकृतिक अधिवास में देख सकते हैं। इसे 1965 में आरक्षित वन घोषित किया गया था, जिसका प्राथमिक उद्देश्‍य 2450 हेक्‍टेयर भूमि पर एशियाई शेरों का संरक्षण करना था। गिर में लगभग 210 चीते और अनेक चीतल, नील गाय, चिंकारा, चार सींग वाला एंटीलॉप और जंगली सुअर पाए जाते हैं। कभी कभार नदी के पास दलदली घडियाल भी दिखाई देते हैं।

कच्‍छ का रण (जंगली खच्‍चर)

जंगल खच्‍चर अभयारण्‍य भारत के गुजरात राज्‍य में कच्‍छ की रण में स्थित है। यह लगभग 4954 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। इस अभयारण्‍य का नाम जंगली खच्‍चर की एक उप प्रजाति एक्कस हेमीनस खुर के नाम पर रखा गया है। ये जंगली खच्‍चर कच्‍छ की रण में रात के समय सक्रिय होते हैं और ये प्राकृतिक वनस्‍पति - खेतीबाड़ी में बाधा डालने वाले संसाधनों को बढ़ाते हैं। इस अभयारण्‍य के लवण युक्‍त दलदली भाग में कुछ लताओं और बेलों के अलावा कोई वनस्‍पति नहीं होती। यहां की वनस्‍पति आम तौर पर जीरो फाइटिक है जहां मुख्‍य रूप से एफेमेरल पाए जाते हैं। यहां की सक्रिय वृद्धि को मानसून की बारिश बढ़ावा देती है।

यह अभयारण्‍य अस्थिहीन जंतुओं की लगभग 93 प्रजातियों का आश्रय है, जिसमें जू प्‍लेंक्‍टन की 25 प्रजातियां, केचुएं की एक प्रजाति, क्रेस्‍टेशिया की 4 प्रजातियां, कीड़ों की 24 प्रजातियां, मोलस्‍क की 12 प्रजातियां और 27 प्रकार की मकडियां शामिल हैं। यहां चार प्रकार के मेंढक और टोड तथा सरीसृपों की 29 प्रजातियां पाई जाती है (2 प्रकार के कछुएं, 14 प्रकार छिपकलियां, 12 प्रकार के सांप और 1 प्रकार का घडियाल)। इस अभयारण्‍य में प्रवासी पक्षियों के लिए अनेक महत्‍वपूर्ण प्रजनन और भोजन तथा रहने के अधिवास मिलते हैं, क्‍योंकि यह उनके प्रवास मार्ग पर स्थित है और यह कच्‍छ की खाड़ी से भी जुड़ता है।

रत्‍न महल स्‍लॉथ बीयर

रत्‍न महल स्‍लॉथ बीयर 56 वर्ग किलो मीटर में फैला है। यह गुजरात-मध्‍यप्रदेश की सीमा पर स्थित है और गुजरात का एक मात्र स्‍लॉथ बीयर अभयारण्‍य है। स्‍लॉथ बीयर के अलावा यहां चीते, नील गाय, जंगली सुअर और भारतीय गजेल पाए जाते हैं।