रहिमन चुप ह्वै बैठिए -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

‘रहिमन’ चुप ह्वै बैठिए, देखि दिनन को फेर ।
जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर ॥

अर्थ

यह देखकर कि बुरे दिन आ गये, चुप बैठ जाना चाहिए। दुर्भाग्य की शिकायत क्यों और किस से की जाय? जब अच्छे दिन फिरेंगे, तो बनने में देर नहीं लगेगी। इस विश्वास का सहारा लेकर तुम चुपचाप बैठे रहो।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख