स्टुअर्ट पथरीला रेगिस्तान

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स्टुअर्ट पथरीला रेगिस्तान

स्टुअर्ट पथरीला रेगिस्तान विस्तृत गिब्बर समतली क्षेत्र, लाल मिट्टी तथा रेत के टीलों के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में जीवन बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है। जीवों की कुछ ही प्रजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं। प्राय: काँटेदार झाड़ियाँ ही इस क्षेत्र में अधिकता से उगती हैं। यहाँ का वातावरण शुष्क और गर्मी से भरा रहता है।

खोज तथा नामकरण

इस रेगिस्तान का नामकरण 1844 में 'चार्ल्स स्टुअर्ड' के नाम पर किया गया था। स्टुअर्ड मध्य आस्ट्रेलिया में पहुँचने की कोशिश कर रहा था। उसकी इस कोशिश में वहाँ के पथरीले मैदानों से उसके घोडे़ के घुटने व मवेशीयों के खुरों में गहरे जख्म हो गए थे। अब भी इस रेगिस्तान के बारे में कम ही जानकारी है। इसकी खोज 19वीं शताब्दी में 'ट्रेलगी', 'स्टुअर्ट' तथा 'आइर' ने की थी।

वनस्पति व खनिज

इस क्षेत्र में जीव तथा वनस्पतियों की संख्या बहुत कम है। यहाँ मिलने वाली वनस्पतियों में नुकीली अथवा कांटेदार झाडियाँ प्रमुख रूप से उगती हैं। मुख्यतः यहाँ उगने वाले छोटे आकार की झाडि़याँ, शुष्क तथा लवणीय वातावरण में ही पाई जाती हैं, जिनका उपयोग भेड़ के चारे के रूप में किया जाता है। आस्ट्रेलियाई रेगिस्तान में पाए जाने वाले खनिजों में 'ओपल', दूध के रंग का बहुमूल्य पत्थर मुख्य है। इसके अतिरिक्त यहाँ सोना, जस्ता, लोहा, लैड आदि भी मिलते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संसार के विशाल रेगिस्तान (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल.)। । अभिगमन तिथि: 15 जुलाई, 2012।

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