- चित्तू पाण्डे गांधीजी के परम भक्त थे तथा स्वयं को गांधीवादी कहते थे।
- चित्तू पाण्डे ने राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
- उनका सबसे अधिक योगदान भारत छोड़ो आन्दोलन में रहा।
- इस आन्दोलन के दौरान पाण्डे ने बलिया में प्रथम समानान्तर सरकार की स्थापना की थी।
- उनकी सरकार ने कलक्टर से सभी अधिकार छीन लिये तथा सभी बन्दी कांग्रेसी नेताओं को रिहा कर दिया गया, तथापि उनकी यह सरकार अधकि समय तक कार्य न कर सकी।
- एक सप्ताह बाद जब ब्रिटिश सैनिक बलिया पहुंचे, तो वहां उन्हें चित्तू पाण्डे सहित एक भी नेता नहीं मिला।
- इसके बाद भी वे राष्ट्रीय मुक्ति के लिये संघर्ष करते रहे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 150।
बाहरी कड़ियाँ
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