अतितृष्णा
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अतितृष्णा [तृष्णामतिक्रम्य-प्रा. स.]
- गृध्नुता, अत्यधिक लालच या लालसा, °ष्णा न कर्तव्या-पंच 5-अत्यधिक लालच नहीं करना चाहिए।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 21 |
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