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==कला==
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{[[भीमसेन जोशी|पण्डित भीमसेन जोशी जी]] का कर्मक्षेत्र क्या रहा है?
|type="()"}
-[[साहित्य]]
+शास्त्रीय संगीत
-शिक्षा
-पत्रकारिता
{'बेगम अख़्तर' का नाम किससे सम्बन्धित है?
|type="()"}
-शास्त्रीय वादन संगीत
-सूफ़ी गज़ल
+शास्त्रीय गज़ल व ठुमरी
-[[शास्त्रीय नृत्य]]
{शास्त्रीय संगीत के सिद्धांत की विवेचना कहाँ की गई है?
|type="()"}
-[[ऋग्वेद]] में
-[[अथर्ववेद]] में
-[[यजुर्वेद]] में
+[[सामवेद]] में
||‘साम‘ शब्द का अर्थ है- ‘गान‘। [[सामवेद]] में संकलित मंत्रों को [[देवता|देवताओं]] की स्तुति के समय गाया जाता था। सामवेद में कुल 1875 ऋचायें हैं, जिनमें 75 के अतिरिक्त शेष [[ऋग्वेद]] से ली गयी हैं। इन ऋचाओं का गान सोमयज्ञ के समय ‘उदगाता‘ करते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सामवेद]]
{वर्तमान समय में हिन्दुस्तानी [[संगीत]] की सर्वाधिक लोकप्रिय गायन शैली कौन-सी है?
|type="()"}
-[[ध्रुपद]]
+ख़्याल
-ठुमरी
-टप्पा
{निम्न में से कौन-सा वाद्य 'सुषिर' वाद्य है?
|type="()"}
+सरोद
-[[बाँसुरी]]
-[[तबला]]
-संतूर
{[[सितार]] का जनक निम्नलिखित में से किसे माना जाता है?
|type="()"}
+[[तानसेन]]
-[[बैजू बावरा]]
-[[अमीर ख़ुसरो]]
-[[बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ]]
||[[चित्र:Akbar-Tansen-Haridas.jpg|100px|right]][[संगीत]] सम्राट [[तानसेन]] (जन्म- संवत 1563, बेहट ग्राम; मृत्यु- संवत 1646) की गणना [[भारत]] के महान गायकों एवं संगीतज्ञों में की जाती है। तानसेन का नाम [[अकबर]] के प्रमुख संगीतज्ञों की सूची में सर्वोपरि है। तानसेन दरबारी कलाकारों का मुखिया और समाट के [[अकबर के नवरत्न|नवरत्नों]] में से एक था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तानसेन]]
{प्रातः काल में गाया जाने वाला [[राग]] कौन-सा है?
|type="()"}
-टोड़ी राग
+दरबारी राग
-भोपाली राग
-भीमपलासी राग
{कौन-सा [[मुग़ल]] शासक चित्रकारों का सबसे बड़ा संरक्षक था?
|type="()"}
-[[अकबर]]
+[[जहाँगीर]]
-[[शाहजहाँ]]
-[[औरंगजेब]]
||[[चित्र:Jahangir.jpg|right|100px]]नूरुद्दीन सलीम जहाँगीर का जन्म [[फ़तेहपुर सीकरी]] में स्थित ‘शेख़ सलीम चिश्ती’ की कुटिया में राजा भारमल की बेटी ‘मरियम ज़मानी’ के गर्भ से [[30 अगस्त]], 1569 ई. को हुआ था। [[अकबर]] सलीम ([[जहाँगीर]]) को ‘शेख़ू बाबा’ कहा करता था। सलीम का मुख्य शिक्षक [[रहीम|अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना]] था। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]]
{[[भारत]] के किस भाग में 'बम्बू' [[नृत्य कला|नृत्य]] प्रसिद्ध है?
|type="()"}
-[[नागालैंड]]
+[[मेघालय]]
-[[असम]]
-[[केरल]]
||[[चित्र:View-Of-Meghalaya.jpg|150px|right]][[मेघालय]], [[भारत]] के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण [[असम]] के अंतर्गत [[2 अप्रैल]], [[1970]] को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। पूर्ण राज्‍य मेघालय [[21 जनवरी]], [[1972]] को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएँ असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएँ [[बांग्ला देश]] से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है, 'मेघों का आलय' अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेघालय]]
{सुप्रसिद्ध चित्र 'बनी-ठनी' किस शैली पर आधारित है?
|type="()"}
-जयपुर शैली
+किशनगढ़ शैली
-कांगड़ा शैली
-बूंदी शैली
{'बालमुरली कृष्णन' का सम्बन्ध किस वाद्ययंत्र से है?
|type="()"}
-सरोद
-[[सितार]]
+वायलिन
-[[तबला]]
{'गुदई महाराज' का सम्बन्ध किस वाद्ययंत्र से है?
|type="()"}
-वायलिन
-संतूर
+[[तबला]]
-[[सितार]]
||[[चित्र:Zakir-Hussain.jpg|right|80px]]आधुनिक काल में गायन, वादन तथा [[नृत्य कला|नृत्य]] की संगति में तबले का प्रयोग होता है। तबले के पूर्व यही स्थान 'पखावज' अथवा 'मृदंग' को प्राप्त था। कुछ दिनों से तबले का स्वतन्त्र-वादन भी अधिक लोक-प्रिय होता जा रहा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तबला]]
{कारागम धार्मिक [[लोक नृत्य]] किस राज्य से सम्बन्धित है?
|type="()"}
-[[केरल]] से
+[[तमिलनाडु]] से
-[[आन्ध्र प्रदेश]] से
-[[कर्नाटक]] से
||[[चित्र:Vivekananda-Rock-Memorial.jpg|right|120px]]नृत्‍य महोत्‍सव ‘ममल्लापुरम’ एक अद्भुत महोत्‍सव है। समुद्र तट से लगे प्राचीन नगर [[महाबलीपुरम|ममल्लापुरम]] में [[पल्लव]] राजाओं द्वारा 13 शताब्‍दी पूर्व चट्टानों से काटकर बनाए गए स्तंभों का एक खुला मंच है, जिस पर लोक नृत्यों के अलावा [[नृत्य कला]] के सर्वश्रेष्‍ठ और सुविख्‍यात कलाकारों द्वारा [[भरतनाट्यम]], [[कुची पुडी]], [[कथकली]] और [[ओडिसी]] नृत्‍य प्रस्‍तुत किए जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिलनाडु]]
{[[अमीर ख़ुसरो]] किसके शिष्य थे?
|type="()"}
-सैफुद्दीन महमूद
+[[निज़ामुद्दीन दरगाह|निज़ामुद्दीन औलिया]]
-[[मिर्ज़ा ग़ालिब]]
-मुईनुद्दीन चिश्ती
||[[चित्र:Hazrat-Nizamuddin-Dargah.jpg|right|120px]]यह सुन्दर मक़बरा संगमरमर का बना हुआ है, जिसके ऊपर [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] संगमरमर के पत्थरों का जालीदार आवरण है। जिसके बाहर चारों ओर सफ़ेद संगमरमर का महराबों वाला एक बरामदा बना हुआ है। दरगाह में घुसते ही तालाब है। इसे पीर निज़ामुद्दीन ने स्वयं बनवाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[निज़ामुद्दीन दरगाह|निज़ामुद्दीन औलिया]]
{[[संगीत]] की दुनिया में [[सितार]] के जादूगर के नाम से किसे जाना जाता है?
|type="()"}
-त्यागराज
-[[तानसेन]]
+रहीम सेन
-पुरंदरदास
</quiz>
|}
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09:36, 6 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण