"झारखण्ड की जलवायु": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''झारखण्ड की जलवायु''' सामान्यताः उष्णकटिबंधीत है किन्तु ऊँचे पठारी भाग होने के कारण यहाँ की जलवायु की स्थिति आस-पास से भिन्न है। | |||
*[[झारखण्ड]] प्रदेश उष्णकटिबंधीत क्षेत्र में स्थित है। | *[[झारखण्ड]] प्रदेश उष्णकटिबंधीत क्षेत्र में स्थित है। | ||
*यह क्षेत्र मॉनसूनी जलवायु के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है। | *यह क्षेत्र मॉनसूनी जलवायु के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है। | ||
*अतः यहाँ की जलवायु 'उष्ण मॉनसूनी' मानी जाती है। | *अतः यहाँ की जलवायु 'उष्ण मॉनसूनी' मानी जाती है। | ||
*झारखण्ड में कर्क रेखा नेतरहाट, किस्को, ओरमांझी<ref>2.2 किमी | *झारखण्ड में [[कर्क रेखा]] [[नेतरहाट]], किस्को, ओरमांझी<ref>2.2 किमी उत्तर</ref>, गोला, मुरहुलसुदी, गोपालपुर, पोखन्ना, गोसांइडीह, झालबरदा, पालकुदरी होते हुए बंगाल की ओर जाती है अर्थात् यह रेखा झारखण्ड के ठीक बीचों-बीच गुज़रती है, ज़िसके आधार पर इस गर्म जलवायु का क्षेत्र कहा जाना चाहिए। | ||
*किंतु झारखण्ड की जलवायु में पर्याप्त आर्द्रता पायी जाती है, जिसके कारण यह उष्णकटिबंधीय जलवायु से कुछ भिन्न प्रकार की बन जाती है। | *किंतु झारखण्ड की जलवायु में पर्याप्त आर्द्रता पायी जाती है, जिसके कारण यह उष्णकटिबंधीय जलवायु से कुछ भिन्न प्रकार की बन जाती है। | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 19: | ||
[[Category:पर्यावरण और जलवायु]] | [[Category:पर्यावरण और जलवायु]] | ||
[[Category:भूगोल कोश]] | [[Category:भूगोल कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
06:16, 22 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
झारखण्ड की जलवायु सामान्यताः उष्णकटिबंधीत है किन्तु ऊँचे पठारी भाग होने के कारण यहाँ की जलवायु की स्थिति आस-पास से भिन्न है।
- झारखण्ड प्रदेश उष्णकटिबंधीत क्षेत्र में स्थित है।
- यह क्षेत्र मॉनसूनी जलवायु के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक मौसम के उतार-चढ़ाव को झेलता है।
- अतः यहाँ की जलवायु 'उष्ण मॉनसूनी' मानी जाती है।
- झारखण्ड में कर्क रेखा नेतरहाट, किस्को, ओरमांझी[1], गोला, मुरहुलसुदी, गोपालपुर, पोखन्ना, गोसांइडीह, झालबरदा, पालकुदरी होते हुए बंगाल की ओर जाती है अर्थात् यह रेखा झारखण्ड के ठीक बीचों-बीच गुज़रती है, ज़िसके आधार पर इस गर्म जलवायु का क्षेत्र कहा जाना चाहिए।
- किंतु झारखण्ड की जलवायु में पर्याप्त आर्द्रता पायी जाती है, जिसके कारण यह उष्णकटिबंधीय जलवायु से कुछ भिन्न प्रकार की बन जाती है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 2.2 किमी उत्तर
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख