"पहेली 20 जुलाई 2013": अवतरणों में अंतर

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||[[चित्र:Gandhar-Map.jpg|right|100px|गांधार महाजनपद]][[गान्धार]] राज सुबल का पुत्र और [[गान्धारी]] का भाई [[शकुनि]] जुआ खेलने में यह बहुत ही कुशल था। वह प्रायः [[धृतराष्ट्र]] के दरबार में ही बना रहता था। [[दुर्योधन]] की इससे बहुत पटती थी। [[युधिष्ठिर]] और दुर्योधन के बीच खेले गये जुए में शकुनि ने दुर्योधन की ओर से जुआ खेला था। वह ऐसा चतुर जुआरी था कि युधिष्ठिर को उसने एक भी दाँव नहीं जीतने दिया। शकुनि छलिया भी अव्वल श्रेणी का था। ज्यों-ज्यों युधिष्ठिर हारते जाते, त्यों-त्यों वह उन्हें उकसाता और जो चीज़ें उनके पास रह गई थीं, उन्हें दाँव पर लगाने के लिए विवश कर देता।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शकुनि]]
||[[चित्र:Gandhar-Map.jpg|right|100px|गांधार महाजनपद]][[गान्धार]] राज सुबल का पुत्र और [[गान्धारी]] का भाई [[शकुनि]] जुआ खेलने में यह बहुत ही कुशल था। वह प्रायः [[धृतराष्ट्र]] के दरबार में ही बना रहता था। [[दुर्योधन]] की इससे बहुत पटती थी। [[युधिष्ठिर]] और दुर्योधन के बीच खेले गये जुए में शकुनि ने दुर्योधन की ओर से जुआ खेला था। वह ऐसा चतुर जुआरी था कि युधिष्ठिर को उसने एक भी दाँव नहीं जीतने दिया। शकुनि छलिया भी अव्वल श्रेणी का था। ज्यों-ज्यों युधिष्ठिर हारते जाते, त्यों-त्यों वह उन्हें उकसाता और जो चीज़ें उनके पास रह गई थीं, उन्हें दाँव पर लगाने के लिए विवश कर देता।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शकुनि]]
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{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 19 जुलाई 2013]] |अगली=[[21 जुलाई 2013]]}}
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[[चित्र:More-click.png|250px|left|सभी विषयों से संबंधित अन्य पहेली एवं प्रश्नोत्तरी के लिए यहाँ क्लिक करें|link=सामान्य ज्ञान]]
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12:12, 4 मार्च 2014 के समय का अवतरण