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09:50, 3 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
विवरण (Description) | श्रीकृष्ण, द्रौपदी और पांच पाण्डव |
उपलब्ध (Available) | Shri Krishna and Pandavas |
अन्य विवरण | एक बार दुर्योधन ने चतुराई से दुर्वासा ऋषि तथा उनके हज़ारों शिष्यों को वन में पांडवों के पास भेज दिया। दुर्वासा पांडवों के पास पहुंचे तथा उन्हें रसोई बनाने का आदेश देकर स्नान करने चले गये। धर्म संकट में पड़कर द्रौपदी ने कृष्ण का स्मरण किया। कृष्ण ने उसकी बटलोई में लगे हुए साग के एक पत्ते को खा लिया तथा कहा- "इस साग से संपूर्ण विश्व के आत्मा, यज्ञभोक्ता सर्वेश्वर भगवान श्रीहरि तृप्त तथा संतुष्ट हों।" |
चित्र का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 09:45, 3 अगस्त 2016 | ![]() | 338 × 453 (83 KB) | सपना वर्मा (वार्ता | योगदान) |
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