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'''टॉम अल्टर''' (अंग्रेज़ी-''Tom Alter'' जन्म- [[22 जून ], [[1950]], [[मसूरी]]) [[भारतीय सिनेमा]] के [[अभिनेता]] थे। इन्होंने करीब 250-300 फ़िल्मों में [[अभिनय]] किया है। [[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।
'''समोसा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Samosa'') तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन तथा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है।


== संक्षिप्त परिचय ==
*टॉम अल्टर का जन्म [[22 जून]], [[1950]] को [[मसूरी]] में हुआ था।
*ये उर्दू पढ़ सकते हैं और उर्दू शायरी के शौकीन हैं।
*टॉम अल्टर ज्यादातर विलेन और अंग्रेज़ के रोल निभाते थे।
*वैकल्पिक रूप से [[हिंदी]], [[उर्दू]] और [[भारतीय संस्कृति]] के जानकार हैं।
*टॉम अल्टर ने मुकेश खन्ना के टीवी प्रोडक्शन शक्तिमान (1998-2002) में लाल बागे गुरु के रूप में भी काम किया है।
*[[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा टॉम अल्टर को [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था।
*टॉम अल्टर ने 250-300 फ़िल्मों में अभिनय किया है।


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समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्राय: मसालेदार भुने या पके हुए सूखे [[आलू]], या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीं- कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्राय: तिकोना होता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं। ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ्रीका का सींग, उत्तर अफ्रीका एवं दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित हैं। समोसा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है। 
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कुछ इतिहासकारों का कहना है कि दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुंचा। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौरान स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। 14 वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो. बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मंूगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं 16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र बकायदा मिलता है।
| 2016 || अनुरागा करिककीन वेल्लम
 
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| 2016|| रेड्रूम - हत्या की कहानी
 
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[[भारत]] में समोसे को स्ट्रीट फूड कहा जाता है, समोसे का इजाद न भारत ने किया है और समोसा वर्ड भी हिंदी नहीं है, बल्कि पर्शियन शब्द है। समोसा भारत में मध्य एशिया की पहाडिय़ों से गुजऱते हुए पहुंचा जिस क्षेत्र को आज ईरान कहते हैं।  इसका असली नाम सम्बुसक है। मध्य एशियाई देशों में इसे सोम्सा कहा जाता है। अफरिकन देशों में इसे सम्बुसा कहा जाता है।
| 2014||  यहाँ के हम सिकंदर
 
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| 2014||डाप्टर- स्कूल बैग
समोसे का यह सफर बड़ा निराला रहा है। समोसे की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ।
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| 2014|| होनर किलर
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| 2013|| द कॉर्नर टेबल
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| 2012 || केवी राइट जैश
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| 2012|| एम. क्रीम
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| 2012 || लाइफ की तो लग गयी
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|2011 || विद लव दिल्ली
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| 2011 || सन ऑफ फ्लावर
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| 2011 ||साइकिल किक
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| 2011|| योर मारिया
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| 2010 || जानलेवा
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| 2008|| ओसिन ऑफ एन आ ओल्ड मैन
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12:27, 5 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

समोसा (अंग्रेज़ी: Samosa) तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन तथा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है।


समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्राय: मसालेदार भुने या पके हुए सूखे आलू, या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीं- कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्राय: तिकोना होता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं। ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ्रीका का सींग, उत्तर अफ्रीका एवं दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित हैं। समोसा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है।

कुछ इतिहासकारों का कहना है कि दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुंचा। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौरान स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। 14 वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो. बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मंूगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं 16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र बकायदा मिलता है।


भारत में समोसे को स्ट्रीट फूड कहा जाता है, समोसे का इजाद न भारत ने किया है और समोसा वर्ड भी हिंदी नहीं है, बल्कि पर्शियन शब्द है। समोसा भारत में मध्य एशिया की पहाडिय़ों से गुजऱते हुए पहुंचा जिस क्षेत्र को आज ईरान कहते हैं। इसका असली नाम सम्बुसक है। मध्य एशियाई देशों में इसे सोम्सा कहा जाता है। अफरिकन देशों में इसे सम्बुसा कहा जाता है।


समोसे का यह सफर बड़ा निराला रहा है। समोसे की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ।