|
|
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 78 अवतरण नहीं दर्शाए गए) |
पंक्ति 5: |
पंक्ति 5: |
| | | | | |
| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] में प्राप्त होने वाले शैल चित्र अधिकतर कहां बने हुए मिले हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-19,प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| -फर्श पर
| |
| -मुंडेरों पर
| |
| +दीवार व छत पर
| |
| -गुफाओं के द्वार पर
| |
| ||[[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] में प्राप्त होने वाले शैल चित्र अधिकतर गुफाओं की दीवारों तथा उनकी छतों पर बने हुए दिखाई पड़ते हैं। ये चित्र कुछ ऐसे भी स्थानों पर दृष्टिगत होते हैं, जहां उन्हें बनाने के लिए बैठकर या खड़े रहने के लिए उचित जगह नहीं है।
| |
|
| |
|
| {बाध गुफा चित्रों पर किस शैली का प्रभाव है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-26,प्रश्न-30
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मुगल कालीन चित्रकला|मुगल शैली]]
| |
| -उपभ्रंश शैली
| |
| +अजंता शैली
| |
| -[[राजपूत चित्रकला|राजपूत शैली]]
| |
| ||[[बाघ की गुफ़ाएँ|बाध गुफा]] चित्रों पर अजंता शैली का प्रभाव है क्योंकि बाध गुफा चित्रों के लिए प्रयुक्त टेम्परा विधिका प्रयोग अजंता के चित्रों में किया गया है।
| |
|
| |
| {प्रति तीन वर्ष पर होने वाली अंतर्राष्ट्रीय [[चित्रकला]] प्रदर्शनी है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-184
| |
| |type="()"}
| |
| -राष्ट्रीय चित्रकला
| |
| -त्रिपथगा
| |
| -त्रियोगना
| |
| +त्रिनाले
| |
| ||[[ललित कला अकादमी]] हर तीसरे वर्ष कला त्रैवार्षिकी (त्रिनाले इंडिया) का आयोजन दिल्ली में करता है जो अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी होती है। इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा वर्ष 1968 से ही हो रहा है।
| |
|
| |
| {[[शांतिनिकेतन]] किस जनपद में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-284
| |
| |type="()"}
| |
| -[[नादिया]]
| |
| +बीरभूम
| |
| -[[हुगली]]
| |
| -[[कोलकाता]]
| |
| ||[[उत्तर प्रदेश]] माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन वोर्ड ने इस प्रश्न का उत्तर अपने प्रारंभिक उत्तर-कुंजी में (d) माना था किंतु परिवर्तित उत्तर-कुंजी में इसका उत्तर गलत बताया है जबकि विकल्प (b) सही उत्तर है। यह समझ से परे है कि चयन बोर्ड ने किस आधार पर इसका उत्तर गलत बताया है।
| |
|
| |
| {'सूरजमुखी के फूल' किसकी कृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-53
| |
| |type="()"}
| |
| -सेरा
| |
| -मातिस
| |
| -मोने
| |
| +वान गॉग
| |
| ||'सूरजमुखी के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी (लंदन) में रखा हुआ है।
| |
|
| |
| {'लाओकून' क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-74
| |
| |type="()"}
| |
| -ऑयल पेंटिंग
| |
| -[[जल रंग|जलरंग]]
| |
| +मूर्ति
| |
| -म्यूरल
| |
| ||'लाओकून' मूर्ति है। यह 1506 ई. में रोम में खुदाई के दौरान मिली और इसे वेटिकन सिटी में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया।
| |
|
| |
| {'पोटैटो ईटर्स' नामक प्रसिद्ध चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-123,प्रश्न-64
| |
| |type="()"}
| |
| -रेन्वार
| |
| -काउरबेट
| |
| +वान गॉग
| |
| -मोडीग्लानी
| |
| ||'पोटैटो ईटर्स' (आलूभक्षी) नामक तैल चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा 1885 में चित्रित किया गया। वर्तमान में यह चित्र एमर्स्टडम के वान गॉग म्यूजियम में सुरक्षित है।
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {कौन-सा वक्तव्य सही नहीं है- 'अकृति को रूप मिलता है...... (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-44
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रतीक से
| |
| -रेखा से
| |
| -[[रंग]] से
| |
| +प्रकाश-छाया से
| |
| ||प्रकाश-छाया से आकृति आरूपित नहीं होती है। रेखाओं, वर्णों, छाया-प्रकाश अथवा धरातलीय गठन के प्रयोग से चित्र तल का निश्चय अंकन रूप कहलाता है।
| |
|
| |
| {मोनालिसा कहां संग्रहित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| +म्यूसी द लूव्र
| |
| -ओरसे म्यूजियम
| |
| -म्यूसी द क्वाय ब्रान्ले
| |
| -म्यूसी रोंदा
| |
| ||मोनालिसा इटैलियन [[चित्रकार]] [[लिओनार्दो दा विंची]] द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है।
| |
|
| |
| {'मैटरनिटी' चित्र किसने तैयार किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-52
| |
| |type="()"}
| |
| -वान गॉग
| |
| -रूसो
| |
| +पॉल गॉगिन
| |
| -सेजां
| |
| ||मैटरनिटी (थ्री वुमेन ऑन द सी शोर अर्थात [[समुद्र]] तट पर तीन महिलाएं) नामक चित्र पॉल गॉगिन ने बनाया है, जिसे साधारणतया 'मैटरनिटी' के नाम से जानते हैं जिसे [[1899]] में तैल चित्रण द्वारा चित्रित किया है। यह चित्र रूप के हर्मिटेज (सेंट पीटर्सबर्ग) में सुरक्षित है। 'मैटरनिटी' नाम से पाब्लो पिकासो ने भी [[1909]] में एक चित्र बनाया था।
| |
|
| |
| {'प्राइमावेरा' क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-73
| |
| |type="()"}
| |
| -एक मूर्ति
| |
| +एक चित्र
| |
| -एक उपन्यास
| |
| -एक भवन
| |
| ||'प्राइमावेरा' एक चित्र है। इसे 'एलेगॉरी ऑफ़ स्प्रिंग' के नाम से भी जाना जाता है। इसे इतालवी पुनर्जागरण [[चित्रकार]] सैंड्रो बोत्तिसेली ने चित्रित किया था।
| |
|
| |
|
|
| |
|