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| |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">[[भारतकोश सम्पादकीय 15 जनवरी 2015|भारतकोश सम्पादकीय <small>-आदित्य चौधरी</small>]]</font>
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| <center>[[भारतकोश सम्पादकीय 15 जनवरी 2015|भूली-बिसरी कड़ियों का भारत]]</center>
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| [[चित्र:Aryabhata.jpg|right|80px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 15 जनवरी 2015]]
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| आइए [[अशोक]] के काल याने तीसरी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व चलते हैं, देखें क्या चल रहा है! महर्षि [[पाणिनि]] विश्व प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरण के ग्रंथ [[अष्टाध्यायी]] को पूरा करने में निमग्न हैं। ये उस तरफ़ कौन बैठा है ? ये तो महर्षि [[पिंगल महर्षि|पिंगल]] हैं पाणिनि के छोटे भाई, इनकी गणित में रुचि है, संख्याओं से खेलते रहते हैं और शून्य की खोज करके ग्रंथों की रचना कर रहे हैं। साथ ही कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाले बाइनरी सिस्टम को भी खोज कर अपने भुर्जपत्रों में सहेज रहे हैं।… [[भारतकोश सम्पादकीय 15 जनवरी 2015|पूरा पढ़ें]]
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|पिछले सभी लेख]] →
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 8 जुलाई 2015|अभिभावक]] ·
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| | [[भारतकोश सम्पादकीय 3 मार्च 2015|भारत की जाति-वर्ण व्यवस्था]]
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| ====[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी को 'विश्व हिन्दी सम्मान']]====
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| [[चित्र:Aditya-Chaudhary-Wishva-Hindi-Sammelan.jpg|border|right|130px|भारतकोश संस्थापक श्री [[आदित्य चौधरी]] जी को माननीय गृहमंत्री श्री [[राजनाथ सिंह]] 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित करते हुए|link=विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015]]
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| [[आदित्य चौधरी|भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी]] को [[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन]] में भारतकोश का अॉनलाइन प्रकाशन एवं छात्रों को नि:शुल्क हिन्दी टाइपिंग सिखाने के लिए [[भारत सरकार]] के विदेश मंत्रालय द्वारा निमंत्रण मिला। भारत के माननीय गृहमंत्री श्री [[राजनाथ सिंह]] ने 12 सितम्बर, 2015 को श्री आदित्य चौधरी जी को 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित किया।
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| [[आदित्य चौधरी|आदित्य चौधरी के सभी सम्पादकीय एवं कविताएँ पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए]]
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| |}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]][[Category:सम्पादकीय (अद्यतन)]]</noinclude>
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