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| ==हिन्दी==
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| | valign="top"|
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| <quiz display=simple>
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| {'आकाशदीप' कहानी के लेखक हैं?
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| -[[भगवतीचरण वर्मा]]
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| -जैनेन्द्र कुमार
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| +[[जयशंकर प्रसाद]]
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| -[[अमृत राय]]
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| ||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|100px|right|जयशंकर प्रसाद]]जयशंकर प्रसाद की शिक्षा घर पर ही आरम्भ हुई। [[संस्कृत]], [[हिन्दी]], फ़ारसी, [[उर्दू]] के लिए शिक्षक नियुक्त थे। इनमें रसमय सिद्ध प्रमुख थे। प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों के लिए दीनबन्धु ब्रह्मचारी शिक्षक थे। कुछ समय के बाद स्थानीय क्वीन्स कॉलेज में प्रसाद का नाम लिख दिया गया, पर यहाँ पर वे आठवीं कक्षा तक ही पढ़ सके।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयशंकर प्रसाद]]
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| {'[[रामचरितमानस]]' में कितने काण्ड हैं?
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| |type="()"}
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| -4
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| -5
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| -8
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| +7
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| {'[[राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय]]' कहाँ है?
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| |type="()"}
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| -[[पुणे]]
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| -[[वाराणसी]]
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| +[[नई दिल्ली]]
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| -[[पटना]]
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| {श्रृंगार रस का स्थायी भाव है?
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| |type="()"}
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| +रति
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| -हास
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| -शोक
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| -निर्वेद
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| {जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं?
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| |type="()"}
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| -[[सूरदास]]
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| -[[मीराबाई]]
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| +[[तुलसीदास]]
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| -गिरिधर
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| ||[[चित्र:Tulsidas-2.jpg|तुलसीदास|100px|right]]तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें [[संस्कृत]] विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ट कवियों में एक माना जाता है। तुलसीदासजी को महर्षि [[वाल्मीकि]] का भी अवतार माना जाता है जो मूल आदिकाव्य [[रामायण]] के रचयिता थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तुलसीदास]]
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| {भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में [[हिन्दी]] को राजभाषा घोषित किया गया है?
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| |type="()"}
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| +343
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| -433
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| -543
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| -234
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| {खड़ी बोली का प्रयोग सबसे पहले किस पुस्तक में हुआ?
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| |type="()"}
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| -भक्तिसागर
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| -काव्य सागर
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| -सुखसागर
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| +प्रेम सागर
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| {[[देवनागरी लिपि]] का विकास किस लिपि से हुआ है?
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| |type="()"}
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| -[[खरोष्ठी लिपि|खरोष्ठी]]
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| +[[ब्राह्मी लिपि]]
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| -नाग लिपि
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| -हिब्रू लिपि
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| ||[[चित्र:Brahmi Lipi-1.jpg|ब्राह्मी लिपि|100px|right]]ब्राह्मी लिपि एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। प्राचीन ब्राह्मी लिपि के उत्कृष्ट उदाहरण सम्राट [[अशोक]] (असोक) द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बनवाये गये शिलालेखों के रूप में अनेक स्थानों पर मिलते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्राह्मी लिपि]]
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| {निम्नलिखित शब्दों में से किसमें व्यंजन संधि है?
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| |type="()"}
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| -सप्तर्षि
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| -निराधार
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| -[[हिमालय]]
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| +सत्कार
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| {'भारत भारती' (काव्य) के रचयिता का नाम है?
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| |type="()"}
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| +[[मैथिलीशरण गुप्त]]
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| -[[नागार्जुन]]
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| -[[जयशंकर प्रसाद]]
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| -[[रामधारी सिंह दिनकर]]
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| ||[[चित्र:Maithilisharan-Gupt.jpg|मैथिलीशरण गुप्त|100px|right]]मैथिलीशरण गुप्त जी की प्रसिद्धी का मूलाधार भारत–भारती है। भारत–भारती उन दिनों राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम का घोषणापत्र बन गई थी। साकेत और जयभारत, दोनों महाकाव्य हैं। साकेत रामकथा पर आधारित है, किन्तु इसके केन्द्र में [[लक्ष्मण]] की पत्नी [[उर्मिला]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैथिलीशरण गुप्त]]
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| {[[सर्वनाम]] कितने प्रकार के होते हैं?
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| |type="()"}
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| -पाँच
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| +छ:
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| -आठ
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| -दस
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| {[[भरतमुनि]] ने अपभ्रंश को नाम दिया है?
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| |type="()"}
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| -लोकभाषा
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| -जनभाषा
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| -देशभाषा
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| +अशुद्धभाषा
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| {'महोदय' में कौन-सी संधि है?
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| |type="()"}
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| -दीर्घ
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| -यण्
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| +गुण
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| -वृद्धि
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| {[[अष्टछाप]] के कवियों में प्रथम नियुक्त कीर्तनकार कवि कौन थे?
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| |type="()"}
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| -[[नन्ददास]]
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| -[[कृष्णदास]]
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| +[[सूरदास]]
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| -[[कुंभनदास]]
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| ||[[चित्र:Surdas Surkuti Sur Sarovar Agra-19.jpg|सूरदास, सूरसरोवर, आगरा|100px|right]]सूरदास जी के पिता श्री रामदास गायक थे। सूरदास जी के [[जन्मांध]] होने के विषय में भी मतभेद हैं। आगरा के समीप गऊघाट पर उनकी भेंट श्री [[वल्लभाचार्य]] से हुई और वे उनके शिष्य बन गए। वल्लभाचार्य ने उनको [[वल्लभ-सम्प्रदाय|पुष्टिमार्ग]] में [[दीक्षा]] दे कर कृष्णलीला के (काव्य) पद गाने का आदेश दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरदास]]
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| {'उद्धवशतक' किसकी कृति है?
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| |type="()"}
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| -सत्यनारायण कविरत्न
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| -गयाप्रसाद शुक्ल सनेही
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| +जगन्नाथदास रत्नाकर
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| -नाथूराम शर्मा शंकर
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| </quiz>
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