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कलौंजी रनुनकुलेसी कुल का झाड़ीय पौधा है। इसका उपयोग मसाले और औषधि के रूप में होता है। कलौंजी [[भारत]] सहित, [[एशिया]], [[अफ्रीका]] और भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों में उगने वाला वार्षिक पौधा है। यह एक छोटा सा झाडी़दार पौधा होता है जिसकी लम्बाई बीस से चालीस सेंटीमीटर तक होती है। कलौंजी का फूल हल्का [[नीला रंग|नीला]] और [[पीला रंग]] लिए होता है। इसके फल बड़े और गोल आकार के होते हैं जो अंदर से काले और भूरे रंग के बीजों से भरे होते हैं जिन्हें कलौंजी के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का स्वाद हल्का कड़वा और तीखा होता है और ये सुगंध से भरे होते हैं। | [[चित्र:Nigella-Seeds.jpg|thumb|250px|कलौंजी]] | ||
'''कलौंजी''' रनुनकुलेसी कुल का झाड़ीय पौधा है। इसका उपयोग मसाले और औषधि के रूप में होता है। कलौंजी [[भारत]] सहित, [[एशिया]], [[अफ्रीका]] और भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों में उगने वाला वार्षिक पौधा है। यह एक छोटा सा झाडी़दार पौधा होता है जिसकी लम्बाई बीस से चालीस सेंटीमीटर तक होती है। कलौंजी का फूल हल्का [[नीला रंग|नीला]] और [[पीला रंग]] लिए होता है। इसके फल बड़े और गोल आकार के होते हैं जो अंदर से [[काला रंग|काले]] और [[भूरा रंग|भूरे रंग]] के बीजों से भरे होते हैं जिन्हें कलौंजी के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का स्वाद हल्का कड़वा और तीखा होता है और ये सुगंध से भरे होते हैं। | |||
==विभिन्न नाम== | ==विभिन्न नाम== | ||
कलौंजी को कई नामों से जाना जाता है - [[अंग्रेज़ी]] में स्माल फनेल, [[संस्कृत]] में कलवंचिका, कालाजाजी, [[हिन्दी]] में कलौंजी, मंगरैला, [[बंगाली भाषा|बंगाली]] में मुगरेला, [[गुजराती भाषा|गुजराती]] में कलौंजी, लैटिन में नाइगेला नाम है। | कलौंजी को कई नामों से जाना जाता है - [[अंग्रेज़ी]] में स्माल फनेल, [[संस्कृत]] में कलवंचिका, कालाजाजी, [[हिन्दी]] में कलौंजी, मंगरैला, [[बंगाली भाषा|बंगाली]] में मुगरेला, [[गुजराती भाषा|गुजराती]] में कलौंजी, लैटिन में नाइगेला नाम है। | ||
==पोषक तत्व== | ==पोषक तत्व== | ||
कलौंजी पौषक तत्वों से भरा होता है इसमें [[वसा]], [[प्रोटीन]] और [[कार्बोहाइड्रेट]] प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही इसमें [[कैल्शियम]], [[पोटेशियम]], [[लोहा]], [[मैग्नीशियम]] व [[जिंक]] आदि खनिज तत्व पाए जाते हैं। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है। | कलौंजी पौषक तत्वों से भरा होता है इसमें [[वसा]], [[प्रोटीन]] और [[कार्बोहाइड्रेट]] प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही इसमें [[कैल्शियम]], [[पोटेशियम]], [[लोहा]], [[मैग्नीशियम]] व [[जिंक]] आदि [[खनिज]] [[तत्व]] पाए जाते हैं। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है। | ||
==भोजन में उपयोग== | ==भोजन में उपयोग== | ||
कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे [[दाल|दालों]], सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है। | कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे [[दाल|दालों]], [[शाक-सब्ज़ी|सब्जियों]], नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है। | ||
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==औषधि के रूप में== | ==औषधि के रूप में== | ||
कलौंजी वनस्पति पौधे के बीज है और औषधियों के रूप में बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। अत: कलौंजी के बीजों को बहुत बारीक पीसकर सिरका, शहद या पानी में मिलाकर उपयोग किया जाता है। कलौंजी के बीजों का तेल भी बनाया जाता है जो रोगों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसका तेल न मिलने पर कलौंजी से काम चलाया जा सकता है। | कलौंजी वनस्पति पौधे के बीज है और औषधियों के रूप में बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। अत: कलौंजी के बीजों को बहुत बारीक पीसकर सिरका, [[शहद]] या पानी में मिलाकर उपयोग किया जाता है। कलौंजी के बीजों का तेल भी बनाया जाता है जो रोगों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसका तेल न मिलने पर कलौंजी से काम चलाया जा सकता है। | ||
कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को | कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ़ करने वाला होता है। इसके अलावा यह [[खून]] में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर रखता है। कलौंजी का तेल सुबह ख़ाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं। गर्भावस्था के समय स्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है। | ||
==कलौंजी का तेल बनाने की विधि== | ==कलौंजी का तेल बनाने की विधि== | ||
250 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई किलो पानी में उबालें। उबालते-उबलते जब यह केवल एक किलो पानी रह जाए तो इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें।<ref>{{cite web |url=http://www.jkhealthworld.com/detail.php?id=4010 |title=कलौंजी |accessmonthday=[[19 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jkhealthworld |language=हिन्दी }}</ref> | 250 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई किलो पानी में उबालें। उबालते-उबलते जब यह केवल एक किलो पानी रह जाए तो इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें।<ref>{{cite web |url=http://www.jkhealthworld.com/detail.php?id=4010 |title=कलौंजी |accessmonthday=[[19 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jkhealthworld |language=हिन्दी }}</ref> | ||
==सौंदर्य को बढ़ाती== | ==सौंदर्य को बढ़ाती== | ||
कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के साथ-साथ सुंदरता को भी बढ़ाता है। कलौंजी का तेल लोशन, क्रीम और ब्यूटी आँयल आदि बनाने में भी प्रयोग होता है। चेहरे को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कलौंजी के तेल में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे के दाग़-धब्बे दूर होते हैं। बालों की समस्या जैसे बालों का झड़ना एवं रुसी में कलौंजी तेल की मालिश | कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के साथ-साथ सुंदरता को भी बढ़ाता है। कलौंजी का तेल लोशन, क्रीम और ब्यूटी आँयल आदि बनाने में भी प्रयोग होता है। चेहरे को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कलौंजी के तेल में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे के दाग़-धब्बे दूर होते हैं। बालों की समस्या जैसे बालों का झड़ना एवं रुसी में कलौंजी तेल की मालिश फ़ायदेमंद होती है।<ref>{{cite web |url=http://nishamadhulika.com/wiki/Kalonji-Nigella-seed.ashx |title=कलौंजी |accessmonthday=[[19 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=निशामधुलिका |language=हिन्दी }}</ref> | ||
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14:11, 29 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

कलौंजी रनुनकुलेसी कुल का झाड़ीय पौधा है। इसका उपयोग मसाले और औषधि के रूप में होता है। कलौंजी भारत सहित, एशिया, अफ्रीका और भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों में उगने वाला वार्षिक पौधा है। यह एक छोटा सा झाडी़दार पौधा होता है जिसकी लम्बाई बीस से चालीस सेंटीमीटर तक होती है। कलौंजी का फूल हल्का नीला और पीला रंग लिए होता है। इसके फल बड़े और गोल आकार के होते हैं जो अंदर से काले और भूरे रंग के बीजों से भरे होते हैं जिन्हें कलौंजी के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का स्वाद हल्का कड़वा और तीखा होता है और ये सुगंध से भरे होते हैं।
विभिन्न नाम
कलौंजी को कई नामों से जाना जाता है - अंग्रेज़ी में स्माल फनेल, संस्कृत में कलवंचिका, कालाजाजी, हिन्दी में कलौंजी, मंगरैला, बंगाली में मुगरेला, गुजराती में कलौंजी, लैटिन में नाइगेला नाम है।
पोषक तत्व
कलौंजी पौषक तत्वों से भरा होता है इसमें वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, मैग्नीशियम व जिंक आदि खनिज तत्व पाए जाते हैं। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है।
भोजन में उपयोग
कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है।

औषधि के रूप में
कलौंजी वनस्पति पौधे के बीज है और औषधियों के रूप में बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। अत: कलौंजी के बीजों को बहुत बारीक पीसकर सिरका, शहद या पानी में मिलाकर उपयोग किया जाता है। कलौंजी के बीजों का तेल भी बनाया जाता है जो रोगों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसका तेल न मिलने पर कलौंजी से काम चलाया जा सकता है।
कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ़ करने वाला होता है। इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर रखता है। कलौंजी का तेल सुबह ख़ाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं। गर्भावस्था के समय स्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है।
कलौंजी का तेल बनाने की विधि
250 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई किलो पानी में उबालें। उबालते-उबलते जब यह केवल एक किलो पानी रह जाए तो इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए। फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें।[1]
सौंदर्य को बढ़ाती
कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के साथ-साथ सुंदरता को भी बढ़ाता है। कलौंजी का तेल लोशन, क्रीम और ब्यूटी आँयल आदि बनाने में भी प्रयोग होता है। चेहरे को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कलौंजी के तेल में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे के दाग़-धब्बे दूर होते हैं। बालों की समस्या जैसे बालों का झड़ना एवं रुसी में कलौंजी तेल की मालिश फ़ायदेमंद होती है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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