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| ==इतिहास==
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| <quiz display=simple>
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| {[[हड़प्पा|हड़प्पावासी]] किस [[धातु]] से परिचित नहीं थे?
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| |type="()"}
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| -[[सोना]] एवं [[चांदी]]
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| -टीन एवं [[सीसा]]
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| +[[लोहा]]
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| -[[तांबा]] एव कांसा
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| ॥[[चित्र:Iron.jpg|लोहा100px|right]]लोहा मुक्त अवस्था में बहुत कम पाया जाता है। हेमेटाइट, मैन्नेटाइट, आयरन, पायराइटीन आदि इसके प्रमुख अयस्क हैं। हेमेटाइट के रूप में यह [[भारत]] में सिंहभूमि, मयूरगंज, [[मैसूर]] आदि स्थानों में पाया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोहा]]
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| {[[मगध]] की प्रथम राजधानी कौन-सी थी?
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| |type="()"}
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| -[[पाटलिपुत्र]]
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| -[[वैशाली]]
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| +[[गिरिव्रज]]
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| -[[चम्पा]]
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| ||राजगीर [[बिहार]] प्रांत में [[नालंदा]] ज़िले में स्थित एक शहर एवं अधिसूचित क्षेत्र है। यह कभी [[मगध]] साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी, जिससे बाद में [[मौर्य काल|मौर्य]] साम्राज्य का उदय हुआ। राजगीर जिस समय मगध की राजधानी थी उस समय इसे राजगृह के नाम से जाना जाता था। [[मथुरा]] से लेकर राजगृह तक [[महाजनपद]] का सुन्दर वर्णन [[बौद्ध]] ग्रंथों में प्राप्त होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गिरिव्रज]]
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| {[[महाजनपद]] काल में श्रेणियों के संचालक को कहा जाता था?
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| |type="()"}
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| +श्रेष्ठिन
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| -सेठ
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| -जेट्ठल
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| -ग्राम भोजक
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| {'[[बुद्धचरित]]', जिसे '[[बौद्ध|बौद्धों]] की 'रामायण' कहा जाता है, के रचनाकार हैं?
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| |type="()"}
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| -वसुमित्र
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| -बुद्धघोष
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| +[[अश्वघोष]]
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| -[[नागार्जुन]]
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| ||[[संस्कृत]] में [[बौद्ध]] महाकाव्यों की रचना का सूत्रपात सर्वप्रथम महाकवि अश्वघोष ने ही किया था। अत: महाकवि अश्वघोष संस्कृत के प्रथम बौद्धकवि हैं। चीनी अनुश्रुतियों तथा साहित्यिक परम्परा के अनुसार महाकवि अश्वघोष सम्राट [[कनिष्क]] के राजगुरु एवम् राजकवि थे। इतिहास में कम से कम दो कनिष्कों का उल्लेख मिलता है। द्वितीय कनिष्क प्रथम कनिष्क का पौत्र था। दो कनिष्कों के कारण अश्वघोष के समय असंदिग्ध रूप से निर्णीत नहीं था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अश्वघोष]]
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| {ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रथम गवर्नर कौन था?
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| |type="()"}
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| +टामस स्माइथ
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| -राल्फ फिच
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| -राबर्ट क्लाइव
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| -टामस रो
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| {[[सांची]] का स्तूप किसने बनवाया था?
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| |type="()"}
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| -[[गौतम बुद्ध]]
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| +[[अशोक]]
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| -[[चन्द्रगुप्त]]
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| -[[खरगोन]]
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| ||[[चित्र:Ashokthegreat1.jpg|अशोक|100px|right]] [[अशोक]] के [[सारनाथ]] तथा [[सांची]] के लघु स्तंभ लेख में संघभेद के विरुद्ध यह आदेश जारी किया गया है कि जो भिक्षु या भिक्षुणी संघ में फूट डालने का प्रयास करें उन्हें संघ से बहिष्कृत किया जाए। यह आदेश [[कौशाम्बी]] और [[पाटलिपुत्र]] के महापात्रों को दिया गया है। इससे पता चलता है कि [[बौद्ध धर्म]] का संरक्षक होने के नाते संघ में एकता बनाए रखने के लिए अशोक ने राजसत्ता का उपयोग किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक]]
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| {चार धातुओं- [[सोना]], [[चाँदी]], [[ताँबा]] एवं [[सीसा]]- के सम्मिश्रण से बनने वाले सिक्के को क्या कहा जाता था?
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| |type="()"}
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| -शतमान
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| -[[निष्क]]
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| -पल
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| +कार्षापण
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| {[[मुजरिस]] किस राज्य का प्रमुख बंदरगाह था?
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| |type="()"}
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| +चेर
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| -[[चोल]]
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| -[[पांड्य]]
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| -[[कदम्ब]]
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| {[[नालंदा विश्वविद्यालय]] की स्थापना का युग कौन-सा था?
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| |type="()"}
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| -[[मौर्य]]
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| -[[कुषाण]]
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| +[[गुप्त साम्राज्य|गुप्त]]
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| -[[पाल वंश|पाल]]
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| ||विदेशी यात्रियों के विवरण में [[फ़ाह्यान]] जो चन्द्रगुप्त द्वितीय के काल में [[भारत]] आया था। उसने मध्य देश के जनता का वर्णन किया है। 7वी. शताब्दी ई. में चीनी यात्री [[ह्वेनसांग]] के विवरण से भी गुप्त इतिहास के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। उसने [[बुद्धगुप्त]], कुमार गुप्त प्रथम, शकादित्य तथा बालदित्य आदि गुप्त शासकों का उल्लेख किया है। उसके विवरण से यह ज्ञात होता है कि कुमार गुप्त ने ही नालन्दा विहार की स्थापना की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुप्त साम्राज्य|गुप्त]]
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| {गुप्तकालीन पुस्तक 'नवनीतकम्' का संबंध है?
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| |type="()"}
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| -खगोल शास्त्र से
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| +चिकित्सा से
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| -गणित से
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| -धातु विज्ञान से
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| {निम्नांकित में से [[दिल्ली]] का पहला [[तुग़लक वंश|तुग़लक]] सुल्तान कौन था?
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| |type="()"}
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| +[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]]
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| -मलिक तुग़लक
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| -[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]]
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| -[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]]
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| ||[[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|ग़यासुद्दीन तुग़लक़|100px|right]]ग़यासुद्दीन तुग़लक़ (1320-1325 ई.) के नाम से [[8 सितम्बर]], 1320 को [[दिल्ली]] के सिंहासन पर बैठा। इसे [[तुग़लक़ वंश]] का संस्थापक भी माना जाता है। इसने कुल 29 बार [[मंगोल]] आक्रमण को विफल किया। सुल्तान बनने से पहले वह [[क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ ख़िलजी]] के शासन काल में उत्तर-पश्चिमी सीमान्त प्रान्त का शक्तिशाली गर्वनर नियुक्त हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]]
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| {किसके समय में [[कलकत्ता]] में प्रथम न्यायालय की स्थापना की गई थी?
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| |type="()"}
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| -राबर्ट क्लाइव
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| -वेंसिटार्ट
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| +[[वारेन हेस्टिंग्स]]
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| -वेरेल्स्ट
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| ||[[चित्र:Warren Hastings.jpg|वारेन हेस्टिंग्स|100px|right]] वारेन हेस्टिंग्स के समय में [[रेग्युलेटिंग एक्ट]] के तहत 1774 ई. में कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई, जिसका अधिकार क्षेत्र कलकत्ता तक था। कलकत्ता में रहने वाले सभी भारतीय तथा [[अंग्रेज़]] इसकी परिधि में थे। कलकत्ता से बाहर के मामले यह तभी सुनता था, जब दोनों पक्ष सहतम हों। इस न्यायालय में न्याय अंग्रेज़ी क़ानूनों द्वारा किया जाता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वारेन हेस्टिंग्स]]
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| {[[राजा राममोहन राय]] द्वारा '[[ब्रह्म समाज]]' की स्थापना की गई?
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| |type="()"}
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| -1816 में
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| -1820 में
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| +1828 में
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| -1830 में
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| {अंग्रेज़ी शासन का प्रभाव किस क्षेत्र में अधिक पड़ा?
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| |type="()"}
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| -राजनीतिक
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| +आर्थिक
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| -धार्मिक
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| -मनोवैज्ञानिक
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| {[[दादाभाई नौरोजी]] ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ो]] द्वारा किए गए किस कार्य को 'अनिष्टो' का अनिष्ट' की संज्ञा दी?
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| |type="()"}
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| -भारतीय परंपरागत उद्योगों का विनाश
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| -सभी उच्च पदों पर [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की भर्ती
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| +धन के निकास
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| -नीलहों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार
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| {[[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय]] की स्थापना किसने की थी?
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| |type="()"}
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| +[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]]
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| -मुहम्मद इकबाल
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| -मुहम्मद अली
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Sir-Syed-Ahmed-Khan.jpg|सर सैयद अहमद ख़ाँ|100px|right]]सैयद जी का शिक्षा-संस्था खोलने का विचार हुआ तो सैयद जी ने अपनी सारी जमा-पूँजी यहाँ तक कि मकान भी गिरवी रख कर यूरोपीय शिक्षा-पद्धति का ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से इंगलिस्तान की यात्रा की। लौटकर आए तो कुछ वर्षों के भीतर ही मई 1875 में [[अलीगढ़]] में 'मदरसतुलउलूम' एक मुस्लिम स्कूल स्थापित किया गया और 1876 में सेवानिवृत्ति के बाद सैयद ने इसे कॉलेज में बदलने की बुनियाद रखी। सैयद की परियोजनाओं के प्रति रूढ़िवादी विरोध के बावज़ूद कॉलेज ने तेज़ी से प्रगति की और 1920 में इसे विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]]
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| {कौन-सी [[बौद्ध]] रचना [[गीता]] के समान पवित्र मानी जाती है?
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| |type="()"}
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| -जातक
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| +[[धम्मपद]]
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| -[[पिटक]]
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| -[[बुद्धचरित]]
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| ||धम्मपद एक [[पालि भाषा|पालि]] शब्द है जिसका अर्थात "सिद्धांत के शब्द" या "सत्य का मार्ग" है। धम्मपद संभवत: पालि [[बौद्ध]] धार्मिक [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसे [[गीता]] के समान पवित्र माना है। धम्मपद अन्य बौद्ध लेखों में उद्धत किया जाता है।
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| </quiz>
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