"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

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==कला और संस्कृति==
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{'[[छाऊ नृत्य]]' किस राज्य का प्रसिद्ध [[लोक नृत्य]] है?
|type="()"}
+[[उड़ीसा]]
-[[असम]]
-[[झारखण्ड]]
-[[पश्चिम बंगाल]]
||[[चित्र:Chhau-Dance.jpg|120px|right|छाऊ नृत्य]][[लोक नृत्य]] में [[छाऊ नृत्‍य]] रहस्‍यमय उद्भव वाला है। छाऊ नर्तक अपनी आं‍तरिक भावनाओं व विषय वस्‍तु को, शरीर के आरोह-अवरोह, मोड़-तोड़, संचलन व गत्‍यात्‍मक संकेतों द्वारा व्‍यक्‍त करता है। 'छाऊ' शब्‍द की अलग-अलग विद्वानों द्वारा भिन्‍न-भिन्‍न व्‍याख्‍या की गई है। छाऊ नृत्य की तीन विधाएँ मौजूद हैं, जो तीन अलग-अलग क्षेत्रों- 'सेराईकेला' ([[बिहार]]), 'पुरूलिया' ([[पश्चिम बंगाल]]) और 'मयूरभंज' ([[उड़ीसा]]) से शरू हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उड़ीसा]]
{प्रसिद्ध गायिका पीनाज मसानी किस गायिकी से सम्बंधित हैं?
|type="()"}
-शास्त्रीय गायन
+गजल गायिकी
-ठुमरी गायिकी
-कर्नाटक संगीत
{उमाकांत और रमाकांत गुंडेचा बंधु कौन हैं?
|type="()"}
+[[ध्रुपद]] के गायक
-[[कत्थक]] के नर्तक
-सरोज के संगीतज्ञ
-[[तबला]] वादक
||आज तक सर्वसम्मति से यह निश्चित नहीं हो पाया है, कि 'ध्रुपद' का अविष्कार कब और किसने किया। इस सम्बन्ध में विद्वानों के कई मत हैं। [[अकबर]] के समय में इसे [[तानसेन]] और उनके गुरु [[हरिदास|स्वामी हरिदास]], [[बैजू बावरा|नायक बैजू]] और [[गोपाल नायक|गोपाल]] आदि प्रख्यात गायक ही गाते थे। ध्रुपद गंभीर प्रकृति का गीत है। इसे गाने में कण्ठ और [[फेफड़ा|फेफड़े]] पर बल पड़ता है। इसलिए लोग इसे 'मर्दाना गीत' कहते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ध्रुपद]]
{विश्वविख्यात पेंटिंग 'द लास्ट सपर' किसकी कृति है?
|type="()"}
-पिकासो
-एंजेलो
+‌विंची
-राफ़ेल
{[[बुद्ध]] के धार्मिक विचारों और वचनों का संग्रह किस [[ग्रंथ]] में है?
|type="()"}
+[[सुत्तपिटक]]
-[[विनयपिटक]]
-[[अभिधम्मपिटक]]
-[[जातक कथा]]
||बुद्ध के धार्मिक विचारों व उपदेशों के संग्रह वाला गद्य-पद्य मिश्रित यह पिटक सम्भवतः त्रिपिटकों में सर्वाधिक बड़ा एवं श्रेष्ठ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुत्तपिटक]]
{सरहुल पर्व का सम्बंध किस राज्य से है?
|type="()"}
-[[राजस्थान]]
+[[झारखण्ड]]
-[[मध्य प्रदेश]]
-[[पश्चिम बंगाल]]
||[[चित्र:Vaidyanath-Temple.jpg|thumb|100px|right|वैद्यनाथ मन्दिर, [[देवघर]]]]जनजातीय त्योहार (जैसे सरहुल), वसंतोत्सव (सोहरी) और शीतोत्सव (माघ परब) उल्लास के अवसर हैं। जनजातीय संस्कृति बाहरी प्रभावों, जैसे ईसाईयत, औद्योगिकीकरण, नए संचार सम्पर्कों, जनजातीय कल्याण कार्यक्रमों और सामुदायिक विकास परियोजनाओं चलते तेज़ी से बदल रही है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]]
{[[दुमका]] का हिजला मेला किस नदी के किनारे आयोजित होता है?
|type="()"}
-[[दामोदर नदी|दामोदर]]
-स्वणरिखा
-[[बराकर नदी|बराकर]]
+[[मयूराक्षी नदी दुमका|मयूराक्षी]]
||[[चित्र:Masanjore-Dam.jpg|thumb|100px|right|मसनजोर बांध, मयूराक्षी नदी]]इसका उदगम स्थल त्रिकुट में है जो वैद्यनाथ धाम से 16 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस पर एक बांध भी बना हुआ है जिसका नाम मसनजोर है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मयूराक्षी नदी दुमका|मयूराक्षी]]
{[[माउण्ट आबू]] का [[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा मंदिर]] किसको समर्पित है?
|type="()"}
-[[भगवान विष्णु]]
-[[शिव|भगवान शिव]]
-[[बुद्ध|भगवान बुद्ध]]
+[[जैन|जैन तीर्थंकर]]
||[[चित्र:Jainism-Symbol.jpg|thumb|100px|right|जैन धर्म का प्रतीक]]इन तीर्थंकरों का वह उपदेश जिन शासन, जिनागम, जिनश्रुत, द्वादशांग, जिन प्रवचन आदि नामों से उल्लिखित किया गया है। उनके इस उपदेश को उनके प्रमुख एवं प्रतिभाशाली शिष्य विषयवार भिन्न-भिन्न प्रकरणों में निबद्ध या ग्रथित करते हैं। अतएव उसे 'प्रबंध' एवं 'ग्रन्थ' भी कहते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैन|जैन तीर्थंकर]] 
{राजस्थान की प्रसिद्ध 'ब्लू-पॉटरी' दस्तकारी का उद्भव कहाँ से हुआ?
|type="()"}
-कश्मीर
+पर्शिया
-अफ़ग़ानिस्तान
-सिन्ध
{भारत में भरहुत भूमि किससे सम्बन्धित है?
|type="()"}
-जैन धर्म से
+बौद्ध धर्म से
-हिन्दू धर्म से
-इस्लाम धर्म से
{'लिंगायत धर्म' के संस्थापक कौन माने जाते हैं?
|type="()"}
-अंगुलिमाल
-बुद्धगुप्त
-उपगुप्त
+वासव
{तीर्थकर शब्द किस धर्म से सम्बन्धित है?
|type="()"}
-बौद्ध धर्म
-ईसाई धर्म
+जैन धर्म
-हिन्दू धर्म
{'पाब्लो पिकासो' कहाँ का प्रसिद्ध चित्रकार था?
|type="()"}
-जर्मनी
-ग्रीस
+स्पेन
-जापान
{प्रसिद्ध मीनाकारी 'थेवा कला' का सम्बन्ध किससे है?
|type="()"}
-बीकानेर से
+प्रतापगढ़ से
-जयपुर से
-बाँसवाड़ा से
{खालसाओं के पाँच अनिवार्य लक्षण (पाँच कक्के) किसने निर्धारित किए थे?
|type="()"}
-गुरु नानक देव
-गुरु रामदास
-गुरु अर्जुन देव
+गुरु गोविन्द सिंह
</quiz>
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09:28, 18 अप्रैल 2024 के समय का अवतरण