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'''वेताल''' नामक पात्र का भारतीय [[ | '''वेताल''' नामक पात्र का भारतीय [[किंवदंती|जनश्रुतियों]] तथा दंत कथाओं में मुख्य स्थान है। [[राजा विक्रम|विक्रम]] और वेताल के नाम से अनेक कहानियाँ बाल मनोरंजन के लिए [[भारत]] में विख्यात हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=402|url=}}</ref> | ||
*इसके सम्बन्ध में [[वेताल पच्चीसी|'बैतालपचीसी']] ([[संस्कृत]] 'बेताल-पंचविंशतिका') में अनेक कहानियाँ हैं, किंतु इसकी ऐतिहासिकता अभी निश्चित रूप से स्थापित नहीं हो पायी है। | *इसके सम्बन्ध में [[वेताल पच्चीसी|'बैतालपचीसी']] ([[संस्कृत]] 'बेताल-पंचविंशतिका') में अनेक कहानियाँ हैं, किंतु इसकी ऐतिहासिकता अभी निश्चित रूप से स्थापित नहीं हो पायी है। |
16:44, 26 फ़रवरी 2013 के समय का अवतरण
वेताल नामक पात्र का भारतीय जनश्रुतियों तथा दंत कथाओं में मुख्य स्थान है। विक्रम और वेताल के नाम से अनेक कहानियाँ बाल मनोरंजन के लिए भारत में विख्यात हैं।[1]
- इसके सम्बन्ध में 'बैतालपचीसी' (संस्कृत 'बेताल-पंचविंशतिका') में अनेक कहानियाँ हैं, किंतु इसकी ऐतिहासिकता अभी निश्चित रूप से स्थापित नहीं हो पायी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 402 |