"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

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{"अनहैप्पी इण्डिया" के लेखक कौन हैं?
|type="()"}
-[[बाल गंगाधर तिलक]]
+[[लाला लाजपत राय]]
-[[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद]]
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|right|100px|लाला लाजपत राय]]'लाला लाजपत राय' को [[भारत]] के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करने वाले [[लाला लाजपत राय]] 'पंजाब केसरी' भी कहे जाते हैं। वे उच्च कोटि के राजनीतिक नेता ही नहीं थे, अपितु ओजस्वी लेखक और प्रभावशाली वक्ता भी थे। '[[बंगाल की खाड़ी]]' में हज़ारों मील दूर मांडले जेल में लाला लाजपत राय का किसी से भी किसी प्रकार का कोई संबंध या संपर्क नहीं था। अपने इस समय का उपयोग उन्होंने लेखन कार्य में किया। लालाजी ने भगवान [[श्रीकृष्ण]], [[अशोक]], [[शिवाजी]], [[स्वामी दयानंद सरस्वती]], [[गुरुदत्त]], मत्सीनी और गैरीबाल्डी की संक्षिप्त जीवनियाँ भी लिखी। 'नेशनल एजुकेशन', 'अनहैप्पी इंडिया' और 'द स्टोरी ऑफ़ माई डिपोर्डेशन' उनकी अन्य महत्वपूर्ण रचनाएँ हैं। उन्होंने 'पंजाबी', 'वंदे मातरम्‌' ([[उर्दू]]) में और 'द पीपुल' इन तीन समाचार पत्रों की स्थापना करके इनके माध्यम से देश में 'स्वराज' का प्रचार किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]


{[[गुप्तकालीन प्रशासन]] में नगर के मुख्य अधिकारी को क्या कहा जाता था?
|type="()"}
-भोक्ता
-नगरश्रेष्ठि
+पुरपाल
-गौल्मिक
||गुप्त प्रशासन राजतंत्रात्मक व्यवस्था पर चलता था। राजपद वंशानुगत सिद्धान्त पर आधारित था। राजा अपने बड़े पुत्र को युवराज घोषित करता था। कुशल प्रशासन के लिए विशाल [[गुप्त साम्राज्य]] कई प्रान्तों में बंटा था। प्रान्तों को 'देश', 'भुक्ति' अथवा 'अवनी' कहा जाता था। जो सम्राट द्वारा स्वयं शासित होता था, उसकी सबसे बड़ी प्रशासनिक ईकाई 'देश' या 'राष्ट्र' कहलाती थी। 'भुक्ति' का विभाजन जनपदों में किया गया था। जनपदों को 'विषय' कहा जाता था, जिसका प्रधान अधिकारी 'विषयपति' होता था। नगरों का प्रशासन नगर महापालिकाओं द्वारा चलाया जाता था। '''पुरपाल''' नगर का मुख्य अधिकारी होता था। वह कुमारामात्य के श्रेणी का अधिकारी होता था। [[जूनागढ़]] के लेख से ज्ञात होता है कि [[गिरनार|गिरनार नगर]] का पुरपाल चक्रपालित था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुप्तकालीन प्रशासन]], [[गुप्त साम्राज्य]]
{पौराणिक गाथाओं के अनुसार [[शकुन्तला]] की माता कौन थीं?
|type="()"}
-[[उर्वशी]]
+[[मेनका]]
-[[रम्भा]]
-तिलोत्तमा
||[[चित्र:Vishwamitra-Menaka.jpg|right|100px|अप्सरा मेनका]]'मेनका' स्वर्ग की सर्वसुन्दर [[अप्सरा]] थी। [[इन्द्र|देवराज इन्द्र]] ने [[विश्वामित्र|महर्षि विश्वामित्र]] के नई सृष्टि निर्माण के तप से डर कर उनकी तपस्या भंग करने के लिए [[मेनका]] को [[पृथ्वी]] पर भेजा था। मेनका ने अपने रूप और सौन्दर्य से तपस्या में लीन विश्वामित्र का तप भंग कर दिया। विश्वामित्र ने मेनका से [[विवाह]] किया और वहीं वन में रहने लगे। विश्वामित्र सब कुछ छोड़कर मेनका के ही प्रेम में डूब गये थे। मेनका से विश्वामित्र ने एक सुन्दर कन्या प्राप्त की, जिसका नाम [[शकुंतला]] रखा गया था। जब शकुंतला छोटी थी, तभी एक दिन मेनका उसे और विश्वामित्र को वन में छोड़कर स्वर्ग चली गई। विश्वामित्र का तप भंग करने में सफल होकर मेनका देवलोक लौटी तो वहाँ उसकी कामोद्दीपक शक्ति और कलात्मक सामर्थ्य की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई और देवसभा में उसका आदर बहुत बढ़ गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेनका]]
{[[ढाका]] में किस वर्ष '[[मुस्लिम लीग]]' की स्थापना की गई थी?
|type="()"}
-[[1910]]
+[[1906]]
-[[1915]]
-[[1905]]
||'मुस्लिम लीग' का मूल नाम 'अखिल भारतीय मुस्लिम लीग' था। यह एक राजनीतिक समूह था, जिसने ब्रिटिश भारत के विभाजन (1947 ई.) के समय एक अलग मुस्लिम राष्ट्र के लिए आन्दोलन चलाया। [[1 अक्टूबर]], [[1906]] को एच.एच. आगा ख़ाँ के नेतृत्व में मुस्लिमों का एक दल [[लॉर्ड मिण्टो द्वितीय|लॉर्ड मिण्टो]] से [[शिमला]] में मिला। '[[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय|अलीगढ़ कॉलेज]]' के प्रिंसपल आर्चबोल्ड इस प्रतिनिधिमण्डल के जनक थे। इस प्रतिनिधिमण्डल ने [[वायसराय]] से अनुरोध किया कि प्रान्तीय, केन्द्रीय व स्थानीय निर्वाचन हेतु मुस्लिमों के लिए पृथक साम्प्रदायिक निर्वाचन की व्यवस्था की जाय। इस शिष्टमण्डल को भेजने के पीछे [[अंग्रेज़]] उच्च अधिकारियों का हाथ था। मिण्टो ने इनकी मांगो का पूर्ण समर्थन किया, जिसके फलस्वरूप [[मुस्लिम]] नेताओं ने [[ढाका]] के नवाब सलीमुल्ला के नेतृत्व में [[30 दिसम्बर]], [[1906]] ई. को ढाका में '[[मुस्लिम लीग]]' की स्थापना की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मुस्लिम लीग]]
{"मैं कोई तत्ववेत्ता नहीं हूँ। न तो संत या दार्शनिक ही हूँ। मैं तो ग़रीब हूँ और ग़रीबों का अनन्य भक्त हूँ। मैं तो सच्चा महात्मा उसे ही कहूँगा, जिसका हृदय ग़रीबों के लिये तड़पता हो।' यह कथन किस महापुरुष का है?
|type="()"}
-[[वीर दामोदर सावरकर]]
-[[ऐनी बेसेन्ट]]
-[[रामकृष्ण परमहंस]]
+[[स्वामी विवेकानन्द]]
||[[चित्र:Swami Vivekananda.gif|right|100px|विवेकानन्द]]'स्वामी विवेकानन्द' एक युवा संन्यासी के रूप में '[[भारतीय संस्कृति]]' की सुगन्ध विदेशों में बिखरने वाले [[साहित्य]], [[दर्शन]] और [[इतिहास]] के प्रकाण्ड विद्वान थे। [[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्दजी]] का मूल नाम 'नरेंद्रनाथ दत्त' था। [[भारत]] के पुनर्निर्माण के प्रति उनके लगाव ने ही उन्हें वर्ष [[1893]] में 'शिकागो धर्म संसद' में जाने के लिए प्रेरित किया था, जहाँ वह बिना आमंत्रण के ही गए थे। [[11 सितम्बर]], [[1893]] के उस दिन विवेकानन्द के अलौकिक तत्वज्ञान ने पाश्चात्य जगत को चौंका दिया। [[अमेरिका]] ने भी स्वीकार कर लिया कि वस्तुत: [[भारत]] ही 'जगद्गुरु' था और रहेगा। [[धर्म]] एवं तत्वज्ञान के समान भारतीय स्वतन्त्रता की प्रेरणा का भी स्वामी विवेकानन्द ने नेतृत्व किया। वे कहा करते थे- "मैं कोई तत्ववेत्ता नहीं हूँ। न तो संत या दार्शनिक ही हूँ। मैं तो ग़रीब हूँ और ग़रीबों का अनन्य [[भक्त]] हूँ। मैं तो सच्चा महात्मा उसे ही कहूँगा, जिसका [[हृदय]] ग़रीबों के लिये तड़पता हो।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्वामी विवेकानन्द]]
{"कश्मीर का अकबर" कहे जाने वाले शासक [[जैनुल आब्दीन]] ने [[कल्हण]] की '[[राजतरंगिणी]]' का [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में अनुवाद कराया था। फ़ारसी में यह किस नाम से प्रसिद्ध है? (पृ.सं. 171
|type="()"}
-मंजुल बहरीन
-दास्तान-ए-कश्मीर
+बिहरुल अस्मार
-इनमें से कोई नहीं
{[[हड़प्पा सभ्यता]] के [[हिन्दू देवी-देवता|देवी देवताओं]] में किसे परवर्ती [[हिन्दू धर्म]] में अंगीकार नहीं किया गया?(पृ.सं. 176
|type="()"}
-पशुपति शिव
-सात मातृदेवियाँ
-मिश्रित प्राणी
+एकश्रृंगी जीव
{[[सिन्धु घाटी की सभ्यता|सिन्धु घाटी]] के लोगों द्वारा सबसे अधिक प्रयुक्त की जाने वाली [[धातु]] कौन-सी थी?(पृ.सं. 177
|type="()"}
-[[ताम्र]]
+[[काँसा|काँस्य]]
-[[स्वर्ण]] और [[चाँदी]]
-[[टिन]]
{सैन्धव सभ्यता का प्रमुख बन्दरगाह एवं व्यापारिक केन्द्र कौन सा?(पृ.सं. 178
|type="()"}
-[[हड़प्पा]]
+[[लोथल]]
-[[कालीबंगा]]
-[[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]]
{निम्न में से किस क्रांतिकारी ने 'राणा प्रताप', 'सम्राट चन्द्रगुप्त' और 'भारत दुर्दशा' नामक [[नाटक|नाटकों]] में अभिनय किया था?(भारतकोश)
|type="()"}
+[[भगत सिंह]]
-[[सुभाष चन्द्र बोस]]
-[[करतार सिंह सराभा]]
-[[रामप्रसाद बिस्मिल]]
{[[कुषाण]] शासक [[कनिष्क]] के निर्माण कार्यों का निरीक्षक अभियन्ता अधिकारी कौन था?
|type="()"}
-[[अग्रमस]]
-[[विम तक्षम]]
+[[अगेसिलोस]]
-[[मोअस]]
{इतिहास में दूसरी [[जैन]] सभा कहाँ पर आयोजित हुई थी?(यूजीसी इतिहास, 201)
|type="()"}
+[[वल्लभीपुर|वल्लभी]]
-[[पाटलिपुत्र]]
-[[कश्मीर]]
-[[वैशाली]]
{'अंग साहित्य' किस [[धर्म]] से सम्बन्धित है?(यूजीसी इतिहास, 203)
|type="()"}
-[[बौद्ध धर्म]]
+[[जैन धर्म]]
-[[वैष्णव धर्म]]
-[[हिन्दू धर्म]]
{किस [[ग्रंथ]] में [[चाणक्य]] की पत्नी का नाम 'यशोमती' मिलता है?(यूजीसी इतिहास, 207)
|type="()"}
-[[अर्थशास्त्र -कौटिल्य|अर्थशास्त्र]]
-[[मुद्राराक्षस]]
+वृहतकथाकोश
-महापरिनिब्बानसुत
{[[साँची]] के [[स्तूप]] का निर्माण किस शासक ने करवाया था?(यूजीसी इतिहास, 209)
|type="()"}
-[[बिम्बिसार]]
-[[कनिष्क]]
-[[पुष्यमित्र शुंग]]
+[[अशोक]]
</quiz>
|}
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09:28, 18 अप्रैल 2024 के समय का अवतरण