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'''मुकुल संगमा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mehbooba Mufti Sayeed'', जन्म- [[20 अप्रैल]], [[1965]], चेंगकोमपारा गाँव, अम्पति, दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स ज़िला, [[मेघालय]]) वर्तमान में [[मेघालय]] के [[मुख्यमंत्री]] हैं तथा [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के राजनेता हैं।
==परिचय==
मुकुल संगमा का जन्म 20 अप्रैल 1965 को  चेंगकोमपारा गाँव, अम्पति, दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स ज़िले में हुआ था। इनके पिता का नाम बिनय भूषण और माता का नाम रोशन बेगम है। मुकुल संगमा ने [[शिलांग]] से स्नातक और फिर [[असम]] के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली। इसके बाद उन्होंने LLB भी की। [[जनवरी]] [[1990]] से [[मई]] [[1991]] तक मुकुल संगमा ने तुरा में निजी अस्पताल में एक निजी मेडिकल चिकित्सक के रूप में अभ्यास किया। मई, 1991 में, उन्होंने [[मेघालय]] सरकार के तहत पश्चिम गारो हिल्स ज़िकज़क पीएचसी में चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में शामिल होकर काम किया।
==राजनीतिक सफ़र==
[[15 जनवरी]], [[1993]] को सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के लिए डॉ मुकुल ने सरकारी सेवा छोड़ दी। [[फरवरी]], [[1993]] को वह स्वतंत्र विधायक के रूप में निर्वाचित हुए और 1993 से [[सितंबर]], 1993 तक उन्होंने मेघालय परिवहन निगम (एमटीसी) के अध्यक्ष का पद संभाला। [[नवंबर]] [[1996]] से फरवरी, [[1998]] तक  मुकुल संगमा ने [[मेघालय]] के सरकार के अधीन सहयोग, मत्स्य पालन, कराधान आदि जैसे विभागों को संभाला। इसके बाद उन्होंने [[3 अगस्त]] [[1998]] से सितंबर [[1999]] तक वे मेघालय के प्रभारी कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। मुकुल संगमा ने [[8 दिसंबर]], [[2001]] से [[4 मार्च]], [[2003]] तक मेघालय के कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया। मेघालय सरकार की और से [[5 मार्च]] 2003 से 10 वीं विभागों के लिए मुकुल ने कराधान, पीडब्लूडी, होम (पी), शिक्षा (उच्च और तकनीकी शिक्षा और प्राथमिक और जन शिक्षा दोनों), वन और पर्यावरण, सूचना प्रौद्योगिकी, चुनाव, आईपीआर इत्यादि की देखभाल की। इन्होंने [[11 अप्रैल]], [[2005]] से [[6 अक्टूबर]], 2005 तक मेघालय के उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। मुकुल संगमा मेघालय सरकार के प्रभारी योजना, आईपीआर, चुनाव, पीआईडी, गैर-पारंपरिक ऊर्जा सहित पुन: संगठन विभागों में [[11 मार्च]], [[2007]] से [[मार्च]] [[2008]] तक कार्य किया। [[मई]] [[2009]] से [[अप्रैल]] [[2010]] तक उन्होंने उपमुख्य मंत्री, वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद मुकुल संगमा ने विद्युत एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आईपीआर, श्रम, बागवानी, गृह (पासपोर्ट) प्रशासनिक सुधार कार्ययालयों में काम किया। उन्होंने मेघालय राज्य में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पार्टी कार्यकर्ता के विभिन्न पदों पर भी कार्य किया।


ग्रहण कार्यालय पर
मार्च 05,2013
पिता का नाम
बिनोय भूषण एम। मारक
मां का नाम
(एल) रोशनारा एम संगमा
जन्म की तारीख
अप्रैल 20, 1 99 65
जन्म स्थान
चेंगकोम्पाड़ा, पश्चिम गारो हिल्स जिले में अमपति
शिक्षा
मेडिकल साइंसेज के क्षेत्रीय संस्थान, इंफाल (आरआईएमएस) से एमबीबीएस, पूर्वोत्तर क्षेत्रीय मेडिकल कॉलेज (एनईआरएमसी), इंफाल
वैवाहिक स्थिति
शादी हो ग
पेशे
राजनीतिक सफ़र
सार्वजनिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां
मेघालय राज्य में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के फ्रंटल पंखों के गठजोड़ में डॉ। संगमा सक्रिय रूप से शामिल हैं। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन चुनावों के दौरान एनएसयूआई के पक्ष में नियमित अभियान सहित अभियान के सक्रिय रूप से भाग लेते रहें और आईसीएस के फ्रंटल विंग्स को जुटाते हैं। वह सक्रिय रूप से सामाजिक कार्य में शामिल होता है और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक जागरूकता और सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए महिलाओं के जुटाने में गहरी दिलचस्पी लेती है। डॉ संगमा नियमित रूप से युवा विकास कार्यक्रमों की विभिन्न गतिविधियों में खुद को शामिल करते हैं जिसमें खेल, संवर्धन और संस्कृति के संरक्षण सहित कार्यक्रम शामिल हैं और 200 से अधिक युवा क्लब / सोसाइटी के गठन से प्रेरित थे। वह सामाजिक कार्य करने में व्यक्तिगत तौर पर सक्रिय हैं और यह ग्वा हिल्स के विभिन्न हिस्सों में खेल और संस्कृति के क्षेत्र में युवाओं की गतिविधियों को बढ़ावा देने में प्रमुख संगठन है जो अमपति युवा कल्याण क्लब का मुख्य संरक्षक है। वह मिर्चेल फाउंडेशन का भी संस्थापक सदस्य है जो कई सामाजिक सेवा समूहों से जुड़ा है और विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू कर रहा है और गोरो हिल्स में नोकम काउंसिल जैसे पारंपरिक संस्था के साथ सक्रिय रूप से सहयोगी है जो कि गारो के पारंपरिक प्रमुखों का प्रमुख संगठन है और वह एक लोगों और पारंपरिक संस्थानों के सशक्तिकरण के मजबूत अधिवक्ता
लोकसभा के पूर्व अध्‍यक्ष और वर्तमान सांसद पी ए संगमा का सोमवार को मेघालय में तुरा शहर में अंतिम संस्‍कार कर दिया गया। हजारों की संख्‍या में लोगों ने अपनी प्रिय नेता को आश्रुपूर्ण विदाई दी। उनकी शुक्रवार को दृदय गति रूक जाने से मृत्‍यु हो गई थी।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा के अंतिम संस्कार के साथ ही नॉर्थ-ईस्ट के राजनीतिक इतिहास में एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया. मेघालय के तुरा स्थित उनके गृहनगर में हुए अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी कैथोलिक, बिशप कॉन्‍फ्रेंस ऑफ इंडिया, राज्‍यपाल एस सी जमीर, मुख्‍यमंत्री अरूणाचल प्रदेश सहित अन्‍य गणमान्‍य लोगों के शोक संदेश पढ़े गए।
'किंग ऑफ गारो' के नाम से मशहूर रहे संगमा को तुरा स्थित डिक्की बांदी स्टेडियम में 21 बंदूकों की सलामी दी गई. इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान मेघालय के विधानसभा अध्यत्र ए.टी. मोंडल, मुख्यमंत्री डॉ. मुकुल संगमा और उनकी कैबिनेट के कई मंत्रियों समेत करीब 15000 लोग जमा हुए थे.
संगमा की जिंदगी का सफर- कभी उतार, तो कभी चढ़ाव
लोकसभा की पूर्व स्पीकर पीए संगमा का 68 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 1988 से 1991 तक वे मेघालय के सीएम भी रहे थे। उन्होंने प्रणब मुखर्जी के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा लेकिन वो 3 लाख वोटों से हार गए। पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल पीए संगमा का स्वागत करते हुए।  संगमा कई सालों तक कांग्रेस के टॉप के नेताओं में शामिल रहे बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और एनसीपी की संस्थापक सदस्यों में से एक बने। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह और पीए संगमा।
पीए संगमा, अटल बिहारी वाजपेयी और तब के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा संसद के लिए जाते हुए। 11 जनवरी 1993 नई दिल्ली में तब के प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव के साथ संगमा श्रम अवार्ड बांटते हुए।  पीए संगमा कुछ समय के लिए तणमूल कांग्रेस में भी रहे, साल 2013 में उन्होंने 'नेशनल पीपल्स पार्टी' नाम से अपनी पार्टी का गठन कर लिया। 21 दिसंबर 1997 को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के साथ पीए संगमा नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाग लेने जाते हुए। पीए संगमा ने तुरा लोकसभा क्षेत्र का लगातार नौ बार प्रतिनिधित्व किया। नजमा हेपतुल्ला पीए संगमा को नए स्पीकर बनने पर बधाई देती हुईं।
पीए संगमा का जन्म 1 सितंबर 1947 को मैघालय के चापाथी गांव में हुआ था। 28 मार्च 1994 नई दिल्ली के विज्ञान भवन के कार्यक्रम में डॉ मनमोहन सिंह, पीए संगमा, गुलाम नबी आजाद, अर्जुन सिंह साथ में दिखाई दे रहे हैं। पीए संगमा के तीन बच्चे हैं। कोनारद संगमा और जेम्स संगमा नाम के दो लड़के और आस्था संगमा नाम की एक लड़की। 21 सितंबर 1995 को नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संगमा वीडियों कैमरा थामे हुए।

12:40, 20 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण