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| '''क्लिंजर''' (1857-1920) चित्रकला, शिल्पकला और एचिंग (खुदाई) कला में निष्णात जर्मन कलाकार। इसका जन्म लाइपत्सिग में एक व्यापारी के घर हुआ था। सन् 1874 में कार्लस्रुन में कला के अध्ययन अभ्यास का श्रीगणेश किया। सन् 1878 में इनकी कला तथा हस्तकौशल की कटु आलोचना हुई। मूर्खतापूर्ण अनावश्यक शंकाएँ उपस्थित कर कुछ काल तक इनकी कला पर प्रतिबंध लगाया गया था। अंतत: बर्लिन की नैशनल गैलरी में इनके चित्रों को स्थान मिला। बाइबिल और पौराणिक विषयों से संबंधित इनकी त्रासात्मक कलाकृतियाँ लाइपत्सिग युनिवर्सिटी तथा म्यूज़ियम के लिये विशेष रूप से बनाई गई थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 3|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=237 |url=}}</ref>
| | #REDIRECT [[मैक्स क्लिंजर]] |
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| {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| ==संबंधित लेख==
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| [[Category:कला कोश]][[Category:चरित कोश]] | |
| [[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
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