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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[सरोजिनी नायडू]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Rabindranath-Tagore.jpg|right|100px|रबीन्द्रनाथ ठाकुर|link=रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Sarojini-Naidu.jpg|right|100px|सरोजिनी नायडू|link=सरोजिनी नायडू]] </div>
*रबीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म [[7 मई]], [[1861]] कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में '''देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी''' के पुत्र के रूप में एक संपन्न बांग्ला परिवार में हुआ था।
*सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवयित्री और [[भारत]] के राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
*रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। जिन्हें [[1913]] में साहित्य के लिए [[नोबेल पुरस्कार]] प्रदान किया गया।
*सरोजिनी नायडू का जन्म [[13 फ़रवरी]], सन 1879 को [[हैदराबाद]] में हुआ था। श्री '''अघोरनाथ चट्टोपाध्याय''' और '''वरदासुन्दरी''' की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।
*'''गल्पगुच्छ की तीन जिल्दों में उनकी सारी चौरासी कहानियाँ''' संगृहीत हैं, जिनमें से केवल दस प्रतिनिधि कहानियाँ चुनना टेढ़ी खीर है।
*'''सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं'''। वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण [[अंग्रेज़ी]], [[हिन्दी]], [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] या [[गुजराती भाषा]] में देती थीं।
*रबीन्द्रनाथ ठाकुर अपनी कहानियाँ सबुज पत्र (हरे पत्ते) में छपाते थे। आज भी पाठकों को उनकी कहानियों में 'हरे पत्ते' और 'हरे गाछ' मिल सकते हैं।
*13 वर्ष की आयु में सरोजिनी नायडू ने '''1300 पदों की 'झील की रानी'''' नामक लंबी कविता और लगभग '''2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक''' लिखकर [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
*रबीन्द्रनाथ ठाकुर एकमात्र कवि हैं जिनकी की दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं- [[भारत]] का राष्ट्र-गान [[जन गण मन]] और [[बांग्लादेश]] का राष्ट्रीय गान '''आमार सोनार बांग्ला''' गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।
*सरोजिनी नायडू को विशेषत: ''''भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक'''' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।
*रबीन्द्रनाथ ठाकुर की मृत्यु [[7 अगस्त]], [[1941]] को कलकत्ता में हुई। '''[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर|.... और पढ़ें]]'''
*[[2 मार्च]] सन 1949 को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू '''[[उत्तर प्रदेश]] के राज्यपाल पद पर''' थीं। '''[[सरोजिनी नायडू|.... और पढ़ें]]'''
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10:47, 15 फ़रवरी 2011 का अवतरण

एक व्यक्तित्व

सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू
  • सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत के राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
  • सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी, सन 1879 को हैदराबाद में हुआ था। श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और वरदासुन्दरी की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।
  • सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं। वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेज़ी, हिन्दी, बांग्ला या गुजराती भाषा में देती थीं।
  • 13 वर्ष की आयु में सरोजिनी नायडू ने 1300 पदों की 'झील की रानी' नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेज़ी भाषा पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
  • सरोजिनी नायडू को विशेषत: 'भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।
  • 2 मार्च सन 1949 को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद पर थीं। .... और पढ़ें

पिछले व्यक्तित्व → रबीन्द्रनाथ ठाकुर · प्रेमचंद