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{[[अंगद]] के पिता का नाम क्या था?
 
{[[पाण्डव]] [[नकुल]] की माता का नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[सुग्रीव]]
-[[कुंती]]
+[[बालि]]
+[[माद्री]]
-[[जामवन्त]]
-[[जानकी]]
-[[जटायु]]
-[[सुभद्रा]]
||बालि और सुग्रीव को वानरश्रेष्ठ ऋक्ष राजा का पुत्र भी कहा जाता हे तथा सुग्रीव को [[इन्द्र]]-पुत्र भी कहा गया है। बालि सुग्रीव का बड़ा भाई था। वह पिता और भाई का अत्यधिक प्रिय था। पिता की मृत्यु के बाद बालि ने राज्य सम्हाला।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[बालि]]  
||मद्रदेश (आधुनिक [[पंजाब]]) के राजा ॠतायन की पुत्री और [[शल्य]] की बहिन जो [[पांडव]] [[नकुल]] और [[सहदेव]] की माता थी। बहुत-सा धन देकर इस सुन्दरी को [[भीष्म]] [[पाण्डु]] के लिये मांग लाये थे। इसने बाद में [[कुन्ती]] को प्राप्त [[दुर्वासा]] के मन्त्र का उपयोग करके [[अश्विनी कुमार|अश्विनी कुमारों]] से नकुल और सहदेव नामक सुन्दर पुत्र प्राप्त किये थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[माद्री]]


{[[लक्ष्मण]] की पत्नी का क्या नाम था?
{[[अर्जुन]] ने [[जयद्रथ]] को मारने की प्रतिज्ञा की थी?
|type="()"}
|type="()"}
-[[सावित्री देवी|सावित्री]]
+सूर्यास्त से पहले
-[[सत्यभामा]]
-सूर्योदय
+[[उर्मिला]]
-सांयकाल
-रम्भा
-प्रातकाल से पहले
||[[वाल्मीकि]] [[रामायण]] में [[लक्ष्मण]] की पत्नी के रूप में उर्मिला का नामोल्लेख मिलता है। [[महाभारत]], [[पुराण]] तथा काव्य में भी इससे अधिक उर्मिला का कोई परिचय नहीं मिलता। केवल आधुनिक काल में उर्मिला के विषय में विशेष सहानुभूति प्रकट की गयी है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[उर्मिला]]


{[[राम]] जी के वनवास की अवधि कितने वर्ष थी?
{[[कर्ण]] को अमोघ शक्ति प्रदान की थी?
|type="()"}
|type="()"}
-12 वर्ष
-[[सूर्यदेव|सूर्य]] ने
-16 वर्ष
-[[कृष्ण]] ने
-15 वर्ष
+[[इन्द्र]] ने
+14 वर्ष
-[[वरुण देवता|वरुण]]
||[[ॠग्वेद]] के प्राय: 250 सूक्तों में [[इन्द्र]] का वर्णन है तथा 50 सूक्त ऐसे हैं जिनमें दूसरे देवों के साथ इन्द्र का वर्णन है। इस प्रकार लगभग ऋग्वेद के चतुर्थांश में इन्द्र का वर्णन पाया जाता है। इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि इन्द्र वैदिक युग का सर्वप्रिय देवता था। इन्द्र शब्द की व्युत्पत्ति एवं अर्थ अस्पष्ट है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[इन्द्र]]


{[[जामवन्त]] कितने योजन समुद्र लाँघ सकता था?
{[[बलराम]] की पत्नी का नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-100 योजन
-[[रुक्मणी]]
+90 योजन
+रेवती
-80 योजन
-रम्भा
-70 योजन
-भद्रा


{[[जटायु]] के भाई का नाम था?
{[[कृष्ण]] के वंश का नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[गरुड़]]
-[[इक्ष्वाकु वंश|इक्ष्वाकु]]
-[[शम्भू]]
-भरत
+वातापि
-[[सूर्यवंश|सूर्य]]
-[[हिडिम्ब]]
+भीमसात्वत


{[[शत्रुघ्न]] की माता का नाम था?
{जो [[कौरव]] [[पाण्डव|पाण्डवों]] की ओर से लड़ा था वह था?
|type="()"}
|type="()"}
+[[सुमित्रा]]
+युयुत्स
-[[कौशल्या]]
-[[दु:शासन]]
-[[कैकेयी]]
-[[लक्ष्मण]]
-[[सुभद्रा]]
-[[शिशुपाल]]  
||महाराज [[दशरथ]] की कई रानियाँ थीं। महारानी [[कौशल्या]] पट्टमहिषी थीं। महारानी [[कैकेयी]] महाराज को सर्वाधिक प्रिय थीं और शेष में श्री सुमित्रा जी ही प्रधान थीं। महाराज दशरथ प्राय: कैकेयी के महल में ही रहा करते थे। सुमित्रा जी महारानी कौशल्या के सन्निकट रहना तथा उनकी सेवा करना अपना धर्म समझती थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[सुमित्रा]]  


{[[इन्द्र]] के पुत्र का नाम था?
{[[पाण्डव|पाण्डवों]] के लिए [[कृष्ण]] ने [[दुर्योधन]] से क्या माँगा था?
|type="()"}
-[[इन्द्रप्रस्थ]]
-[[हस्तिनापुर]]
+पाँच ग्राम
-[[कुरुक्षेत्र]]
{[[महाभारत]] में [[बलराम]] की भूमिका क्या थी?
|type="()"}
|type="()"}
-[[नहुष]]
-[[पाण्डव|पाण्डवों]] की ओर से लड़े
-[[मांधाता]]
-[[कौरव|कौरवों]] की ओर से लड़े
-[[पुरुरवा]]
+तीर्थाटन के लिए चले गये
+[[जयंत]]
-युद्ध देखते रहे


{[[रावण]] और [[कुबेर]] थे?
{[[महाभारत]] में [[कृष्ण]] की सेना किसकी ओर से लड़ी?
|type="()"}
|type="()"}
+भाई-भाई
-आधी [[कौरव]] आधी [[पाण्डव|पाण्डवों]] की ओर से
-साले-बहनोई
+[[कौरव|कौरवों]] की ओर से
-मित्र
-[[पाण्डव|पाण्डवों]] की ओर से
-इनमें से कोई नहीं
-उदासीन रही


{[[राम]] के चरण स्पर्श से जो शिला स्त्री बन गई उस स्त्री का नाम था?
{[[महाभारत]] युद्ध में [[कर्ण]] के सारथी का नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[शबरी]]
+[[शल्य]]
-[[मन्थरा]]
-[[अधिरथ]]
+[[अहल्या]]
-श्रुतकीर्ति
-[[कुब्जा दासी|कुब्जा]]
-भद्रसेन
||[[शल्य]], मद्रराज महारथी था। [[पांडव|पांडवों]] ने [[माद्री]] के भाई, मामा शल्य को युद्ध में सहायतार्थ आमन्त्रित किया। शल्य अपनी विशाल सेना के साथ पांडवों की ओर जा रहा था। मार्ग में [[दुर्योधन]] ने उन सबका अतिथि-सत्कार कर उन्हें प्रसन्न किया। शल्य ने [[महाभारत]]-युद्ध में सक्रिय भाग लिया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[शल्य]]  


{[[अहल्या]] के पति का नाम था?
{[[कर्ण]] ने अपने कवच कुण्डल किसे दान दिये?
|type="()"}
|type="()"}
+[[महर्षि गौतम|गौतम]]
-[[दुर्वासा]] ऋषि को
-[[विश्वामित्र]]
-[[बृहस्पति ऋषि|बृहस्पति]]
-[[वसिष्ठ]]
-[[वसिष्ठ]]
||न्यायदर्शन के कर्ता महर्षि गौतम परम तपस्वी एवं संयमी थे। महाराज वृद्धाश्व की पुत्री [[अहिल्या]] इनकी पत्नी थी, जो महर्षि के शाप से पाषाण बन गयी थी। [[त्रेता युग]] में भगवान श्री [[राम]] की चरण-रज से अहिल्या का शापमोचन हुआ। वह पाषाण से पुन: ऋषि-पत्नी हुई। महर्षि गौतम बाण-विद्या में अत्यन्त निपुण थे। विवाह के कुछ काल पश्चात अहिल्या ही बाण-लाकर देती थीं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[महर्षि गौतम|गौतम]]
-[[परशुराम]]
+[[इन्द्र]]
||[[ॠग्वेद]] के प्राय: 250 सूक्तों में [[इन्द्र]] का वर्णन है तथा 50 सूक्त ऐसे हैं जिनमें दूसरे देवों के साथ इन्द्र का वर्णन है। इस प्रकार लगभग ऋग्वेद के चतुर्थांश में इन्द्र का वर्णन पाया जाता है। इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि इन्द्र वैदिक युग का सर्वप्रिय देवता था। इन्द्र शब्द की व्युत्पत्ति एवं अर्थ अस्पष्ट है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[इन्द्र]]  


{[[परशुराम]] के पुत्र थे?
{निम्न में से कौन अतिरथी नहीं था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[अगस्त्य|अगस्त्य मुनि]]
-[[द्रोणाचार्य]]  
+जमदग्नि
-[[भीष्म]]
-ऋष्यश्रृंग
-[[कृष्ण]]
-[[कात्यायन]]
+[[अर्जुन]]
||[[महाभारत]] के मुख्य पात्र हैं। महाराज [[पाण्डु]] एवं रानी [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। जब पाण्डु संतान उत्पन्न करने में असफल रहे तो कुन्ती ने उनको एक वरदान के बारे में याद दिलाया। कुन्ती को कुंआरेपन में महर्षि [[दुर्वासा]] ने एक वरदान दिया था जिसमें कुंती किसी भी [[देवता]] का आवाहन कर सकती थीं और उन देवताओं से संतान प्राप्त कर सकती थी। पाण्डु एवं कुन्ती ने इस वरदान का प्रयोग किया एवं [[धर्मराज (यमराज)|धर्मराज]], [[वायु देव|वायु]] एवं [[इन्द्र]] देवता का आवाहन किया। अर्जुन तीसरे पुत्र थे जो देवताओं के राजा इन्द्र से हुए।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अर्जुन]]  


{ब्रह्महत्या का पाप किसे लगा था?
{[[भीष्म]] कितनी सेना समाप्त करके [[जल]] गृहण करते थे?
|type="()"}
|type="()"}
-[[लक्ष्मण]]
-एक हजार
+[[राम]]
-पाँच हजार
-[[हनुमान]]
+दस हजार
-[[सुग्रीव]]
-अट्ठारह हजार
||[[हिन्दू धर्म]] में, राम, [[विष्णु]] के 10 अवतारों में से एक हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम, महर्षि [[वाल्मीकि]] द्वारा रचित, [[संस्कृत]] महाकाव्य [[रामायण]] के रूप में लिखा गया है। उनके उपर [[तुलसीदास]] ने भक्ति काव्य श्री [[रामचरितमानस]] रचा था। ख़ास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूज्यनीय माने जाते हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[राम]]


{संजीवनी बूटी का रहस्य किस वैद्य ने बताया?
{चक्रव्यूह की रचना किसने की थी?
|type="()"}
|type="()"}
-[[अक्रूर]]
-[[शकुनि]]
-धनवंती
+[[द्रोणाचार्य]]
-[[चरक]]
-[[जयद्रथ]]
+[[सुषेण वैद्य|सुषेण]]
-[[विदुर]]
||महर्षि [[भारद्वाज]] का वीर्य किसी द्रोणी (यज्ञकलश अथवा पर्वत की गुफ़ा) में स्खलित होने से जिस पुत्र का जन्म हुआ, उसे द्रोण कहा गया। ऐसा उल्लेख भी मिलता है कि भारद्वाज ने [[गंगा]] में स्नान करती घृताची को देखा, आसक्त होने के कारण जो वीर्य स्खलन हुआ, उसे उन्होंने द्रोण (यज्ञकलश) में रख दिया। उससे उत्पन्न बालक द्रोण कहलाया। [[द्रोणाचार्य]] भारद्वाज मुनि के पुत्र थे। ये संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रोणाचार्य]]


{[[हनुमान]] के पुत्र का क्या नाम है?
{[[महाभारत]] का युद्ध कहाँ हुआ था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[अंगद]]
-[[थानेश्वर]]
+मकरध्वज
-[[हल्दीघाटी]]
-[[घटोत्कच]]
-[[पानीपत युद्ध|पानीपत]]
-[[सुग्रीव]]
+[[कुरुक्षेत्र]]
||कुरुक्षेत्र [[हरियाणा]] राज्य का एक प्रमुख ज़िला है । यह हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा अम्बाला, यमुना नगर, करनाल और कैथल से घिरा हुवा है । माना जाता है कि यहीं [[महाभारत]] की लड़ाई हुई थी और भगवान [[कृष्ण]] ने [[अर्जुन]] को [[गीता]] का उपदेश यहीं पर ज्योतीसर नामक स्थान पर दिया था । यह ज़िला बासमती चावल के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है । कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्व अधिक माना जाता है । इसका [[ॠग्वेद]] और [[यजुर्वेद]] मे अनेक स्थानो पर वर्णन किया गया है । यहाँ की पौराणिक नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] का भी अत्यन्त महत्व है । इसके अतिरिक्त अनेक [[पुराण|पुराणों]], स्मृतियों और महर्षि [[वेदव्यास]] रचित [[महाभारत]] में इसका विस्तृत वर्णन किया गया हैं । विशेष तथ्य यह है कि कुरुक्षेत्र की पौराणिक सीमा 48 कोस की मानी गई है जिसमें कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त कैथल , करनाल, पानीपत और जिंद का क्षेत्र सम्मिलित हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कुरुक्षेत्र]]


{[[लक्ष्मण]] को नागपाश से मुक्त कराया?
{[[शकुनि]] के राज्य का क्या नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[जटायु]]
-[[मगध]]  
-वातापि
-[[कौशल]]
-[[जामवन्त]]
-[[अंग महाजनपद|अंग]]
+[[गरुड़]]
+[[गांधार महाजनपद|गांधार]]  
||[[हिन्दू धर्म]] के अनुसार गरुड़ पक्षियों के राजा और भगवान [[विष्णु]] के वाहन हैं। ये [[कश्यप]] ऋषि और विनता के पुत्र तथा [[अरुण देवता|अरुण]] के भ्राता हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[गरुड़]]
||पौराणिक [[सोलह महाजनपद|16 महाजनपदों]] में से एक। पाकिस्तान का पश्चिमी तथा अफ़ग़ानिस्तान का पूर्वी क्षेत्र। इसे आधुनिक कंदहार से जोड़ने की ग़लती कई बार लोग कर देते हैं जो कि वास्तव में इस क्षेत्र से कुछ दक्षिण में स्थित था। इस प्रदेश का मुख्य केन्द्र आधुनिक पेशावर और आसपास के इलाके थे। इस [[महाजनपद]] के प्रमुख नगर थे - पुरुषपुर (आधुनिक पेशावर) तथा [[तक्षशिला]] इसकी राजधानी थी । इसका अस्तित्व 600 ईसा पूर्व से 11वीं सदी तक रहा। [[कुषाण]] शासकों के दौरान यहाँ बौद्ध धर्म बहुत फला फूला पर बाद में मुस्लिम आक्रमण के कारण इसका पतन हो गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गांधार महाजनपद]]


{[[इन्द्र]] के विमान का नाम है?
{[[अर्जुन]] ने [[द्रोणाचार्य]] के जिस मित्र को परास्त किया उसका नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-पाञ्जन्य
-[[कृपाचार्य]]
-[[ऐरावत]]
+[[द्रुपद]]
-पवनहंस
-[[शल्य]]
+पुष्पक
-[[विदुर]]
||[[द्रुपद]], [[पांचाल]] के राजा और परिशत के पुत्र थे। ये [[शिखंडी]], [[धृष्टद्युम्न]] व [[द्रौपदी]] के पिता थे। [[भीष्म]], [[द्रोणाचार्य]], और द्रुपद [[परशुराम]] के शिष्य थे। शिक्षा काल में द्रुपद और द्रोण की गहरी मित्रता थी। द्रोण ग़रीब होने के कारण प्राय: दुखी रहते थे तो द्रुपद ने उन्हें राजा बनने पर आधा राज्य देने का वचन दिया परंतु कालांतर में वे अपने वचन से न केवल मुकर गए वरन उन्होंने द्रोण का अपमान भी किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रुपद]]


{[[समुद्र मंथन]] से क्या नहीं प्राप्त हुआ?
{युद्ध में जिस [[हाथी]] को [[भीम]] ने मारा था उसका नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
-कुवलिया पीढ़
+[[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]]
-चाणुर
-[[ऐरावत]]
-[[ऐरावत]]
-[[कामधेनु]]
||[[महाभारत]] युद्ध में [[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]] नामक [[हाथी]] को [[भीम]] ने मार दिया और यह शोर किया कि अश्वत्थामा मारा गया। चूँकि [[द्रोणाचार्य]] के पुत्र का नाम भी [[अश्वत्थामा]] था और यह भी निश्चित था कि अपने पुत्र से प्रेम करने के कारण द्रोणाचार्य अश्वत्थामा की मृत्यु का सामाचार सुनकर स्वयं भी प्राण त्याग देगें। इसलिए [[कृष्ण]] की योजनानुसार यह पूर्व नियोजित ही था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अश्वत्थामा हाथी|अश्वत्थामा]]
-पारिजात
+सिमंतक मणि
 
{गर्भवती [[सीता]] किसके आश्रम में रही?
|type="()"}
-[[विश्वामित्र]]
-[[वसिष्ठ]]
+[[वाल्मीकि]]
-[[तुलसीदास]]
||विश्वामित्र राजा गाधि के पुत्र थे। उन्होंने कई हज़ार वर्ष राज्य किया और फिर [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की परिक्रमा के लिए निकले। मार्ग में वसिष्ठ का आश्रम था। वसिष्ठ का आतिथ्य ग्रहण कर वे लोग चकित रह गये। [[वसिष्ठ]] के पास शबला नामक [[कामधेनु]] थी, जिसकी सहायता से उन्होंने अनेक प्रकार के व्यंजनों की व्यवस्था कर समस्त [[अक्षौहिणी]] सेना का अद्भुत सत्कार किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[विश्वामित्र]]


{[[श्लोक]] शब्द का अर्थ होता है?
{[[अश्वत्थामा]] द्वारा छोड़े गये [[ब्रह्मास्त्र]] को किसने शांत किया था?
|type="()"}
|type="()"}
-गीत
-[[कृष्ण]]
-[[छंद]]
-[[अर्जुन]]
-पंक्ति
+[[वेदव्यास|व्यास]]
+दुःख
-[[भीष्म]]
||[[वेदव्यास]] भगवान [[नारायण]] के ही कलावतार थे। व्यास जी के पिता का नाम [[पराशर]] ऋषि तथा माता का नाम [[सत्यवती]] था। जन्म लेते ही इन्होंने अपने पिता-माता से जंगल में जाकर तपस्या करने की इच्छा प्रकट की। प्रारम्भ में इनकी माता सत्यवती ने इन्हें रोकने का प्रयास किया, किन्तु अन्त में इनके माता के स्मरण करते ही लौट आने का वचन देने पर उन्होंने इनको वन जाने की आज्ञा दे दी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वेदव्यास|व्यास]]


{[[हनुमान]] कितनी बार [[लंका]] गये थे?
{[[गांधारी]] ने कितनी बार अपने आँखों की पट्टी खोली?
|type="()"}
|type="()"}
-कभी नहीं
-एक बार
-एक बार
-दो बार
+दो बार
+तीन बार
-तीन बार
-चार बार


{[[राम]] ने [[लंका]] में अपना दूत किसे बना कर भेजा था?
{[[महाभारत]] युद्ध का मुख्य कारण था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[हनुमान]]
-[[दुर्योधन]] द्वारा [[कृष्ण]] का अपमान
-[[सुग्रीव]]
-[[भीम]] की प्रतिज्ञा
+[[अंगद (बाली पुत्र)|अंगद]]
-[[युधिष्ठिर]] की प्रतिज्ञा
-[[विभीषण]]
+[[द्रौपदी]] के केश
||युवराज अंगद [[बालि]] के पुत्र थे। बालि इनसे सर्वाधिक प्रेम करता था। ये परम बुद्धिमान, अपने पिता के समान बलशाली तथा भगवान श्री [[राम]] के परम भक्त थे। अपने छोटे भाई [[सुग्रीव]] की पत्नी और सर्वस्व हरण करने के अपराध में भगवान श्री राम के हाथों बालि की मृत्यु हुई। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[अंगद (बाली पुत्र)|अंगद]]


{[[मेघनाद]] का दूसरा नाम क्या था?
{[[महाभारत]] युद्ध में [[भीष्म]] ने कितने दिन युद्ध किया?
|type="()"}
|type="()"}
-[[कुम्भकर्ण]]
-8 दिन
-विचित्रवीर्य
+10 दिन
+इन्द्रजीत
-12  दिन
-दशानन
-18 दिन


{[[हनुमान]] किसके पेट के भीतर जाकर वापस आ गये थे?
{[[द्रौपदी]] का महान कार्य क्या था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[ताड़का]]
-[[दुर्वासा]] के हजारों शिष्यों को भोजन कराना
+सुरसा
-अज्ञातवास का जीवन गुजारना
-पूतना
-[[अभिमन्यु]] को शिक्षा देना
-[[शूर्पणखा]]
+[[अश्वत्थामा]] को क्षमा करना


 
{[[कृष्ण]] के वंश का नाश होने का कारण क्या था?  
{[[बालि]] की पत्नी का नाम था?
|type="()"}
|type="()"}
+[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]]
-[[महाभारत]] युद्ध
-[[राधा]]
+[[गांधारी]] का श्राप
-[[मंदोदरी]]
-[[दुर्वासा]] का श्राप
-विपाशा
-[[विश्वामित्र]] का श्राप


{[[राम]], [[लक्ष्मण]] को आश्रमों की रक्षा करने वन में कौन से ब्रह्म ॠषि ले गये थे?
{[[युधिष्ठिर]] के स्वर्ग जाने पर साथ कौन गया था?
|type="()"}
|type="()"}
-[[दुर्वासा]]
-[[द्रौपदी]]
+[[विश्वामित्र]]
-[[अर्जुन]]
-संदीपन
-[[भीम]]
-[[अंगिरस]]
+एक कुत्ता


</quiz>
</quiz>
|}
|}
|}
|}
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
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__INDEX__
__NOTOC__

06:48, 19 फ़रवरी 2011 का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
इस सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी में कुल 15 प्रश्न हैं। इसे हल करने के उपरांत पन्ने के नीचे की ओर "परिणाम देखें" पर क्लिक करें और उत्तरों का मिलान करें साथ ही अर्जित अंक भी देखें।

2 अर्जुन ने जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा की थी?

सूर्यास्त से पहले
सूर्योदय
सांयकाल
प्रातकाल से पहले

3 कर्ण को अमोघ शक्ति प्रदान की थी?

सूर्य ने
कृष्ण ने
इन्द्र ने
वरुण

4 बलराम की पत्नी का नाम था?

रुक्मणी
रेवती
रम्भा
भद्रा

5 कृष्ण के वंश का नाम था?

इक्ष्वाकु
भरत
सूर्य
भीमसात्वत

6 जो कौरव पाण्डवों की ओर से लड़ा था वह था?

युयुत्स
दु:शासन
लक्ष्मण
शिशुपाल

8 महाभारत में बलराम की भूमिका क्या थी?

पाण्डवों की ओर से लड़े
कौरवों की ओर से लड़े
तीर्थाटन के लिए चले गये
युद्ध देखते रहे

9 महाभारत में कृष्ण की सेना किसकी ओर से लड़ी?

आधी कौरव आधी पाण्डवों की ओर से
कौरवों की ओर से
पाण्डवों की ओर से
उदासीन रही

10 महाभारत युद्ध में कर्ण के सारथी का नाम था?

शल्य
अधिरथ
श्रुतकीर्ति
भद्रसेन

11 कर्ण ने अपने कवच कुण्डल किसे दान दिये?

दुर्वासा ऋषि को
वसिष्ठ
परशुराम
इन्द्र

12 निम्न में से कौन अतिरथी नहीं था?

द्रोणाचार्य
भीष्म
कृष्ण
अर्जुन

13 भीष्म कितनी सेना समाप्त करके जल गृहण करते थे?

एक हजार
पाँच हजार
दस हजार
अट्ठारह हजार

14 चक्रव्यूह की रचना किसने की थी?

शकुनि
द्रोणाचार्य
जयद्रथ
विदुर

16 शकुनि के राज्य का क्या नाम था?

मगध
कौशल
अंग
गांधार

17 अर्जुन ने द्रोणाचार्य के जिस मित्र को परास्त किया उसका नाम था?

कृपाचार्य
द्रुपद
शल्य
विदुर

18 युद्ध में जिस हाथी को भीम ने मारा था उसका नाम था?

कुवलिया पीढ़
अश्वत्थामा
चाणुर
ऐरावत

19 अश्वत्थामा द्वारा छोड़े गये ब्रह्मास्त्र को किसने शांत किया था?

कृष्ण
अर्जुन
व्यास
भीष्म

20 गांधारी ने कितनी बार अपने आँखों की पट्टी खोली?

कभी नहीं
एक बार
दो बार
तीन बार

21 महाभारत युद्ध का मुख्य कारण था?

दुर्योधन द्वारा कृष्ण का अपमान
भीम की प्रतिज्ञा
युधिष्ठिर की प्रतिज्ञा
द्रौपदी के केश

22 महाभारत युद्ध में भीष्म ने कितने दिन युद्ध किया?

8 दिन
10 दिन
12 दिन
18 दिन

23 द्रौपदी का महान कार्य क्या था?

दुर्वासा के हजारों शिष्यों को भोजन कराना
अज्ञातवास का जीवन गुजारना
अभिमन्यु को शिक्षा देना
अश्वत्थामा को क्षमा करना

24 कृष्ण के वंश का नाश होने का कारण क्या था?

महाभारत युद्ध
गांधारी का श्राप
दुर्वासा का श्राप
विश्वामित्र का श्राप

25 युधिष्ठिर के स्वर्ग जाने पर साथ कौन गया था?

द्रौपदी
अर्जुन
भीम
एक कुत्ता

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान