"त्रिपुरा पर्यटन": अवतरणों में अंतर

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[[त्रिपुरा]] हर दृष्टि से पर्यटन के लिए उपयुक्त राज्य है। यहां देखने तथा घूमने-फिरने के लिए कई स्थान एवं स्थल हैं। राज्य संस्कृति की दृष्टि से भी संपन्न है। यह राज्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले पर्यटन की अधिक संभावनाओं से पूर्ण है। यहां पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा बांग्लादेश जाने वाले पर्यटक भी आकर्षित होते हैं। होटल उद्योग के विकास के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
पर्यटकों के आकर्षण के साथ ही राज्य में इसके विकास की भारी संभावनाएं हैं। 10,491.69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के साथ यह देश के सबसे छोटे राज्यो मे से एक है। लेकिन अपने प्राचीन इतिहास, सौंदर्य, पर्वतीय इलाकों की सुंदरता, हरियाली, संस्कृति, रहन सहन एवं परिवेश तथा अच्छे मौसम की वजह से इसे पर्यटन में खासा लाभ हो सकता है। पर्यटकों की सुविधा के लिए राज्य को दो पर्यटक इकाईयों में बांटा गया है। पहला है पश्चिम-दक्षिण त्रिपुरा तथा दूसरा है पश्चिमोत्तर क्षेत्र, जो धलाई जिले तक है। पूरे राज्य में पर्यटन की अपार संभावना है, खासकर ईको-पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज पर्यटन, पर्वतीय पर्यटन तथा ग्रामीण पर्यटन।
==पर्यटन स्थल==
[[चित्र:Panorama-Of-Ujjayanta-Palace-Agartala.jpg|thumb|450px|[[उज्जयंत महल]] का विहंगम दृश्य<br /> Panoramic View of Ujjayanta Palace]]
*[[अगरतला]]
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*कमल सागर
*कमल सागर
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*उदयपुर
*उदयपुर
*पिलक
*पिलक
[[चित्र:Panorama-Of-Ujjayanta-Palace-Agartala.jpg|thumb|450px|[[उज्जयंत महल]] का विहंगम दृश्य<br /> Panoramic View of Ujjayanta Palace]]
*महामुनि
*महामुनि
*वेस्‍ट - नॉर्थ त्रिपुरा  
*वेस्‍ट - नॉर्थ त्रिपुरा  

11:01, 6 जून 2011 का अवतरण

त्रिपुरा हर दृष्टि से पर्यटन के लिए उपयुक्त राज्य है। यहां देखने तथा घूमने-फिरने के लिए कई स्थान एवं स्थल हैं। राज्य संस्कृति की दृष्टि से भी संपन्न है। यह राज्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले पर्यटन की अधिक संभावनाओं से पूर्ण है। यहां पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा बांग्लादेश जाने वाले पर्यटक भी आकर्षित होते हैं। होटल उद्योग के विकास के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।

पर्यटकों के आकर्षण के साथ ही राज्य में इसके विकास की भारी संभावनाएं हैं। 10,491.69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के साथ यह देश के सबसे छोटे राज्यो मे से एक है। लेकिन अपने प्राचीन इतिहास, सौंदर्य, पर्वतीय इलाकों की सुंदरता, हरियाली, संस्कृति, रहन सहन एवं परिवेश तथा अच्छे मौसम की वजह से इसे पर्यटन में खासा लाभ हो सकता है। पर्यटकों की सुविधा के लिए राज्य को दो पर्यटक इकाईयों में बांटा गया है। पहला है पश्चिम-दक्षिण त्रिपुरा तथा दूसरा है पश्चिमोत्तर क्षेत्र, जो धलाई जिले तक है। पूरे राज्य में पर्यटन की अपार संभावना है, खासकर ईको-पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज पर्यटन, पर्वतीय पर्यटन तथा ग्रामीण पर्यटन।

पर्यटन स्थल

उज्जयंत महल का विहंगम दृश्य
Panoramic View of Ujjayanta Palace
  • अगरतला
  • कमल सागर
  • सेफाजाला
  • नीरमहल
  • उदयपुर
  • पिलक
  • महामुनि
  • वेस्‍ट - नॉर्थ त्रिपुरा
  • दुम्बूर झील
  • उनोकोटि
  • जामपुई हिल


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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