"बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2 ब्राह्मण-1": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*बृहदारण्यकोपनिषद के [[बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2|अ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 12: पंक्ति 12:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
[[Category:बृहदारण्यकोपनिषद]]
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:उपनिषद]]  
[[Category:उपनिषद]]  


__INDEX__
__INDEX__

07:28, 5 सितम्बर 2011 का अवतरण

  • बृहदारण्यकोपनिषद के अध्याय प्रथम का यह प्रथम ब्राह्मण है।
  • इस ब्राह्मण में 'ब्रह्मज्ञान' का उपदेश देने एक बार गर्ग गोत्रीय बालाकि नामक ऋषि वेद प्रवक्ता काशी नरेश अजातशत्रु के दरबार में पहुंचते हैं।
  • वहाँ वे अहंकारपूर्ण वाणी में 'ब्रह्मज्ञान' का उपदेश देने की बात करते हैं इस पर विद्वान् अजातशत्रु बदले में उन्हें एक सहस्त्र गौएं प्रदान करने की बात करते हैं, परन्तु बालाकि मुनि अजातशत्रु को सन्तुष्ट नहीं कर पाते।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख