"सदस्य:आरुष परिहार/sandbox": अवतरणों में अंतर

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*'''[[कबीर|कबीरदास]]''' [[हिन्दी साहित्य]] के [[भक्ति काल]] के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे।
*'''[[कबीर|कबीरदास]]''' [[हिन्दी साहित्य]] के [[भक्ति काल]] के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे।
*कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कबीर पन्थियों की मान्यता है कि कबीर का जन्म [[काशी]] में लहरतारा तालाब में उत्पन्न [[कमल]] के मनोहर [[पुष्प]] के ऊपर बालक के रूप में हुआ।
*[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] के अनुसार, भाषा पर कबीर का जबरदस्त अधिकार था। वे वाणी के डिक्टेटर थे। जिस बात को उन्होंने जिस रूप में प्रकट करना चाहा है, उसे उसी रूप में कहलवा लिया– बन गया है तो सीधे–सीधे, नहीं दरेरा देकर। [[कबीर|... और पढ़ें]]
*“चौदह सौ पचपन साल गए, चन्द्रवार एक ठाठ ठए।
:जेठ सुदी बरसायत को पूरनमासी तिथि प्रगट भए॥”  [[कबीर|... और पढ़ें]]
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12:28, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण

एक व्यक्तित्व
कबीर
कबीर
  • कबीरदास हिन्दी साहित्य के भक्ति काल के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे।
  • हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार, भाषा पर कबीर का जबरदस्त अधिकार था। वे वाणी के डिक्टेटर थे। जिस बात को उन्होंने जिस रूप में प्रकट करना चाहा है, उसे उसी रूप में कहलवा लिया– बन गया है तो सीधे–सीधे, नहीं दरेरा देकर। ... और पढ़ें

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