"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

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||[[युधिष्ठिर]] के लिए एक सुन्दर व आलौकिक सभा-भवन का निर्माण मय दानव द्वारा किया गया था। शुभ मुहूर्त में सभा-भवन की नींव डाली गई थी। धीरे-धीरे सभा-भवन बनकर तैयार हो गया, जो स्फटिक शिलाओं से बना हुआ था। यह भवन शीशमहल-सा चमक रहा था। इसी भवन में महाराज युधिष्ठिर राजसिंहासन पर आसीन हुए। कुछ समय बाद महर्षि [[नारद]] सभा-भवन में पधारे। उन्होंने युधिष्ठिर को '[[राजसूय यज्ञ]]' करने की सलाह दी। युधिष्ठिर ने [[कृष्ण]] को बुलवाया तथा 'राजसूय यज्ञ' के बारे में पूछा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सभा पर्व महाभारत]]
||[[चित्र:Krishna-Arjuna.jpg|right|100px|अर्जुन तथा श्रीकृष्ण]][[युधिष्ठिर]] के लिए एक सुन्दर व आलौकिक सभा-भवन का निर्माण मय दानव द्वारा किया गया था। शुभ मुहूर्त में सभा-भवन की नींव डाली गई थी। धीरे-धीरे सभा-भवन बनकर तैयार हो गया, जो स्फटिक शिलाओं से बना हुआ था। यह भवन शीशमहल-सा चमक रहा था। इसी भवन में महाराज युधिष्ठिर राजसिंहासन पर आसीन हुए। कुछ समय बाद महर्षि [[नारद]] सभा-भवन में पधारे। उन्होंने युधिष्ठिर को '[[राजसूय यज्ञ]]' करने की सलाह दी। युधिष्ठिर ने [[कृष्ण]] को बुलवाया तथा 'राजसूय यज्ञ' के बारे में पूछा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सभा पर्व महाभारत]]


{[[वन पर्व महाभारत|महाभारत वन पर्व]] के अंतर्गत कितने अध्याय हैं?
{[[वन पर्व महाभारत|महाभारत वन पर्व]] के अंतर्गत कितने अध्याय हैं?
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-[[प्रद्युम्न]]
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-[[अभिमन्यु]]
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||गुरु [[द्रोणाचार्य]] ने महाभयंकर युद्ध का श्रीगणेश किया। जो रथी सामने आता, वही मारा जाता। [[श्रीकृष्ण]] ने [[पांडव|पांडवों]] को समझा-बुझाकर तैयार कर लिया कि वे द्रोण तक [[अश्वत्थामा]] की मृत्यु का समाचार पहुंचा दें, जिससे कि युद्ध में द्रोण की रूचि समाप्त हो जाय। भीम ने [[मालव]] नरेश इन्द्रवर्मा के 'अश्वत्थामा' नामक [[हाथी]] का वध कर दिया। फिर [[भीम]] ने द्रोण को 'अश्वत्थामा मारा गया' समाचार दिया। द्रोण ने उस पर विश्वास न कर [[युधिष्ठिर]] से समाचार की सच्चाई जाननी चाही। युधिष्ठिर अपनी सत्यप्रियता के लिए विख्यात थे। श्रीकृष्ण के अनुरोध पर उन्होंने ज़ोर से कहा- "अश्वत्थामा मारा गया है।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[युधिष्ठिर]]
||[[चित्र:Tusker-Elephant.jpg|right|100px|हाथी]]गुरु [[द्रोणाचार्य]] ने महाभयंकर युद्ध का श्रीगणेश किया। जो रथी सामने आता, वही मारा जाता। [[श्रीकृष्ण]] ने [[पांडव|पांडवों]] को समझा-बुझाकर तैयार कर लिया कि वे द्रोण तक [[अश्वत्थामा]] की मृत्यु का समाचार पहुंचा दें, जिससे कि युद्ध में द्रोण की रूचि समाप्त हो जाय। भीम ने [[मालव]] नरेश इन्द्रवर्मा के 'अश्वत्थामा' नामक [[हाथी]] का वध कर दिया। फिर [[भीम]] ने द्रोण को 'अश्वत्थामा मारा गया' समाचार दिया। द्रोण ने उस पर विश्वास न कर [[युधिष्ठिर]] से समाचार की सच्चाई जाननी चाही। युधिष्ठिर अपनी सत्यप्रियता के लिए विख्यात थे। श्रीकृष्ण के अनुरोध पर उन्होंने ज़ोर से कहा- "अश्वत्थामा मारा गया है।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[युधिष्ठिर]]


{यह ज्ञात हो जाने पर कि [[कर्ण]] [[पाण्डव|पाण्डवों]] का भाई था, [[युधिष्ठिर]] ने किसे शाप दिया?
{यह ज्ञात हो जाने पर कि [[कर्ण]] [[पाण्डव|पाण्डवों]] का भाई था, [[युधिष्ठिर]] ने किसे शाप दिया?

13:32, 9 फ़रवरी 2012 का अवतरण

1 युधिष्ठिर के लिए सभा-भवन का निर्माण किसने किया था?

गन्धर्वों ने
मय दानव ने
अश्विनीकुमारों ने
लोकपालों ने

2 महाभारत वन पर्व के अंतर्गत कितने अध्याय हैं?

315
316
321
311

3 भीम द्वारा मारा गया 'अश्वत्थामा' नाम का हाथी किस राजा का था?

विराट
इन्द्रवर्मा
प्रद्युम्न
अभिमन्यु

4 यह ज्ञात हो जाने पर कि कर्ण पाण्डवों का भाई था, युधिष्ठिर ने किसे शाप दिया?

कुन्ती को
नारी जाति को
गांधारी को
द्रौपदी को

6 महाभारत युद्ध के कौन-से दिन पितामह भीष्म शर-शेय्या को प्राप्त हुए?

13वें दिन
12वें दिन
11वें दिन
10वें दिन

7 निम्न में से कौन अर्जुन के पुत्र इरावत की माता थीं?

उलूपी
सुभद्रा
चित्रांगदा
द्रौपदी

8 कर्ण वध के पश्चात किसने दुर्योधन को पाण्डवों से संधि का विचार दिया?

शल्य
कृपाचार्य
अश्वत्थामा
संजय

9 मगध नरेश जरासंध ने मथुरा पर कितनी बार चढ़ाई की थी?

16
17
18
15

10 दुशासन की छाती का रक्त पीने का प्रण किस पाण्डव ने किया था?

अर्जुन
सहदेव
भीम
युधिष्ठिर

11 कर्ण के वध के उपरान्त किसके कहने पर दुर्योधन ने शल्य को सेनापति नियुक्त किया?

कृपाचार्य
कृतवर्मा
अश्वत्थामा
धृतराष्ट्र

12 पितामह भीष्म ने कितने दिनों तक शर-शेय्या पर पड़े रहने के बाद अपने प्राण त्यागे?

55
56
57
58

13 रणभूमि में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन अर्जुन के अतिरिक्त और किसने किये?

संजय
भीष्म
युधिष्ठिर
विदुर

15 युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में ब्राह्मणों के चरण धोने का कार्य किसने किया?

नकुल ने
सहदेव ने
धृष्टद्युम्न ने
श्रीकृष्ण ने