"साँचा:साप्ताहिक सम्पादकीय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
{| style="background:transparent; width:100%" align="left"
{| style="background:transparent; width:100%" align="left"
|- valign="top"
|- valign="top"
| [[चित्र:Gutenberg.jpg|100px|right|link=भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी]]
| [[चित्र:4-crow-meeting.jpg|100px|border|right|link=भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी]]
<poem>
<poem>
[[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|छापाख़ाने का आभार]]
[[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|कौऔं का वायरस]]
     मिस्र में राजवंशों की शुरुआत आज से 5 हज़ार वर्ष पहले ही हो गयी थी। मशहूर फ़राउन रॅमसी (ये वही रॅमसी या रामासेस है जो मूसा के समय में था) का नाम पढ़ने में भी यही कठिनाई सामने आयी। कॉप्टिक भाषा (मिस्री ईसाइयों की भाषा) में इसका अर्थ है- रे या रा (सूर्य) का म-स (बेटा) अर्थात सूर्य का पुत्र। सोचने वाली बात ये है कि भगवान 'राम' का नाम भी इसी प्रकार का है और वे भी सूर्य वंशी ही हैं। अगर ये महज़ एक इत्तफ़ाक़ है तो बेहद दिलचस्प इत्तफ़ाक़ है। नाम कोई भी रहा हो रेमसी, इमहोतेप या टॉलेमी; स्वरों के बिना उन्हें सही पढ़ना बहुत कठिन था। [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|...पूरा पढ़ें]]
     23 दिनों तक लगातार कोई कार्य, किसी समय विशेष पर करते रहें तो 24 वें दिन ठीक उसी समय बेचैनी शुरू हो जाती है और उस कार्य को करने के बाद ही ख़त्म होती है। हमारी 'बॉडी क्लॉक' 23 दिन में प्रशिक्षित हो कर उस कार्य की 'फ़ाइल' को आदत वाले 'फ़ोल्डर' में डाल देती है और 'अलार्म' भी लगा देती है। [[भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी|...पूरा पढ़ें]]
</poem>
</poem>
|}  
|}  
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>
|}<noinclude>[[Category:मुखपृष्ठ के साँचे]]</noinclude>

12:46, 3 मार्च 2012 का अवतरण

साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी

कौऔं का वायरस
    23 दिनों तक लगातार कोई कार्य, किसी समय विशेष पर करते रहें तो 24 वें दिन ठीक उसी समय बेचैनी शुरू हो जाती है और उस कार्य को करने के बाद ही ख़त्म होती है। हमारी 'बॉडी क्लॉक' 23 दिन में प्रशिक्षित हो कर उस कार्य की 'फ़ाइल' को आदत वाले 'फ़ोल्डर' में डाल देती है और 'अलार्म' भी लगा देती है। ...पूरा पढ़ें