"क्या मुझे पहचान लोगे -चन्द्रकान्ता चौधरी": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (श्रेणी:चन्द्रकान्ता चौधरी की रचनाएँ (को हटा दिया गया हैं।)) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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सहज अपना मान लोगे ? | सहज अपना मान लोगे ? | ||
क्या मुझे पहचान लोगे ? | क्या मुझे पहचान लोगे ? | ||
जब प्रभंजन में उड़ेंगे | जब प्रभंजन में उड़ेंगे | ||
उस चिता के धूल कण वे | उस चिता के धूल कण वे | ||
पंक्ति 24: | पंक्ति 25: | ||
रूप को अनुमान लोगे ? | रूप को अनुमान लोगे ? | ||
क्या मुझे पहचान लोगे ? | क्या मुझे पहचान लोगे ? | ||
विरह आतप से जला मन | विरह आतप से जला मन | ||
वेदना रोता फिरेगा | वेदना रोता फिरेगा | ||
पंक्ति 32: | पंक्ति 34: | ||
दो आँसुओं का दान दोगे ? | दो आँसुओं का दान दोगे ? | ||
-चन्द्रकान्ता चौधरी | -चन्द्रकान्ता चौधरी (सन् 1954) | ||
<small>यह कविता अम्माजी (मेरी माँ) ने सन् 1954 में लिखी थी वे अभी भी भारतकोश के कई लेखों का सम्पादन कर देती हैं। हाँ ! उनको काग़ज़ पर प्रिंट निकाल कर देना होता है। अपनी स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन भी आधी से ज़्यादा भारतकोश को दे देती हैं (उनकी पेंशन क़रीब 25 हज़ार रुपये महीने है) -आदित्य चौधरी</small> | |||
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12:22, 5 मई 2012 का अवतरण
![]() क्या मुझे पहचान लोगे -चन्द्रकान्ता चौधरी
एक दिन
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