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"अच्छा ! तो तू कितनी खा जाएगा ?" पंडित जी बोले
"अच्छा ! तो तू कितनी खा जाएगा ?" पंडित जी बोले
"मैं... मेरा क्या है मैं तो सौ भी खा जाऊँगा"
"मैं... मेरा क्या है मैं तो सौ भी खा जाऊँगा"
"क्या ? सौ प्याज़ ?... अच्छा तो ठीक है फिर खा ले सौ प्याज़, अगर तूने सौ प्याज़ खा लीं तो तुझे सौ रुपये इनाम।" [[भारतकोश सम्पादकीय 12 मई 2012|पूरा पढ़ें]]
"क्या ? सौ प्याज़ ?..." [[भारतकोश सम्पादकीय 12 मई 2012|पूरा पढ़ें]]
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13:32, 12 मई 2012 का अवतरण

साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी

काम की खुन्दक
      "प्याज़ खाने में क्या है कितनी भी खा जाओ। आप लोग तो बिना बात प्याज़ का हौव्वा बना रहे हैं।" छोटे ने खुन्दक में कहा।
"अच्छा ! तो तू कितनी खा जाएगा ?" पंडित जी बोले
"मैं... मेरा क्या है मैं तो सौ भी खा जाऊँगा"
"क्या ? सौ प्याज़ ?..." पूरा पढ़ें

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